अगस्त तक पूरी होगी “एक राष्ट्र एक राशन कार्ड योजना”
यूपी80 न्यूज, नई दिल्ली
कोरोना जैसी वैश्विक बीमारी से निपटने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन लागू है। लॉकडाउन की वजह से देश के सामने उत्पन्न आर्थिक संकट से उबारने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ रुपए की राहत राशि की घोषणा की। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 14 मई को इस राहत राशि का ब्यौरा दिया। आर्थिक पैकेज में किसानों, श्रमिकों को मिली राहत का ब्यौरा पेश है:
किसान:
ढाई लाख किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से 2 लाख करोड का ऋण दिया जाएगा। यह राहत पीएम किसान लाभार्थियों (पशुपालन व मछली पालकों को भी) को दी जाएगी।
तीन करोड़ छोटे व सीमांत किसानों को नाबार्ड के माध्यम से 30 हजार करोड़ रुपए इमरजेंसी वर्किंग कैपिटल फंड का प्रावधान किया गया है। ग्रामीण बैंकों के जरिए यह राहत दी जाएगी।
1 मार्च से लेकर अब तक 3 करोड़ किसानों को 4.22 लाख कृषि ऋण दिया गया है, इसमें तीन महीने का ब्याज माफ है।
एक मार्च से 30 अप्रैल के बीच 86600 करोड़ रुपए के 63 लाख लोन मंजूर किए गए।
राज्य आपदा रिस्पांस फंड के जरिए प्रवासी मजदूरों के लए राहत कैंप लगाए गए। कैंप में तीन बार भोजन दिया गया। तीन करोड़ मास्क, 1.2 लाख सेनिटाइजर एवं शहरी गरीबों के लिए 7200 नए स्वयं सहायता समूह बनाए गए। केंद्र सरकार ने 11002 करोड़ रुपए एडवांस दिया।
8 करोड़ प्रवासी मजदूरों को दो महीने के लिए मुफ्त अनाज दिया गया। प्रति मजदूर प्रति माह 5 किलो अनाज एवं एक किलो चना दिया गया। इसमें लगभग 3500 करोड़ रुपए खर्च हुए। केंद्र सरकार ने यह राशि खर्च की।
“एक राष्ट्र एक राशन कार्ड” योजना :
अगस्त 2020 तक देश के 23 राज्यों को एक राष्ट्र एक राशन कार्ड योजना से जोड़ा जाएगा। इस योजना से 67 करोड़ लोगों को लाभ मिलेगा। हर प्रवासी को इस योजना के तहत राशन मिलेगा।
मनरेगा मजदूरों की दैनिक मजदूरी 182 रुपए प्रतिदिन से बढ़ाकर 202 रुपए की गई। 13 मई तक 14.2 करोड़ मानव दिवस रोजगार उपलब्ध कराए गए। इस पर लगभग 10 हजार करोड़ रुपए खर्च हुए।
लगभग 50 लाख रेहड़ी पटरी वालों को 10 हजार रुपए तक ऋण दिया जाएगा। इसके लिएि 5000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
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