सरकार के पास मरने वाले प्रवासी मजदूरों migrant labour का डाटा नहीं है, लेकिन लाख टके का सवाल-जब सड़कों पर वाहनों के चलने की अनुमति नहीं थी तो फिर मरने वाले कौन थे?
यूपी80 न्यूज, नई दिल्ली
लॉकडाउन Lockdown के दौरान इस साल मार्च से जून के बीच देशभर में 81385 दुर्घटनाएं accidents हुईं, जिनमें 29415 लोगों की जान चली गई। लोकसभा में 22 सितंबर को पूछे गए एक सवाल के जवाब में केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ministry of transport ने यह जानकारी दी है। हालांकि आश्चर्य की बात यह है कि सरकार के पास यह डाटा नहीं है कि लॉकडाउन के दौरान घर आ रहे कितने प्रवासी मजदूरों migrant labour की सड़क दुर्घटनाओं में मौत हुई।
बता दें कि पिछले दिनों संसद में पूछा गया था कि लॉकडाउन के दौरान कितने लोग पैदल चलते हुए या सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए, तब सरकार ने कहा था कि उसके पास इससे संबंधित आंकड़े नहीं हैं।
मंगलवार 22 सितंबर को संसद सदस्य जसबीर सिंह गिल, डीके सुरेश, मो.जावेद, और डीन कुरियाकोस ने संसद में ये सवाल पूछा:
देश में लॉकडाउन के दौरान मार्च और अप्रैल 2020 के दौरान कितने प्रवासी मजदूर पैदल चलकर अपने घर गए?
देश में इस दौरान सड़क दुर्घटनाओं में कितने प्रवासी कामगार मारे गए और इस अवधि के दौरान प्रवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मंत्रालय द्वारा क्या कदम उठाए गए?
जवाब:
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्यमंत्री वीके सिंह ने जवाब दिया:
1.लॉकडाउन के दौरान पैदल यात्रा करने वालों सहित 1.06 करोड़ से अधिक प्रवासी मजदूर अपने गृह राज्य लौटे थे।
2.मार्च से जून के दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग सहित सड़कों पर 81385 दुर्घटनाएं हुई, जिनमें 29415 लोगों की मौत हो गई। लेकिन यह नहीं बताया गया कि इनमें से कितने प्रवासी मजदूर थे।
पढ़ते रहिए www.up80.online मिलिए दूसरे दशरथ मांझी से, 30 साल में पहाड़ काटकर 5 किमी लंबी नहर बना दी
लॉकडाउन, एक नजर:
बता दें कि कोरोना महामारी की वजह से भारत में 25 मार्च से पूरी तरह देशव्यापी लॉकडाउन लागू कर दिया गया। लोगों को घरों से निकलने की अनुमति नहीं थी। हालांकि गृह मंत्रालय ने 29 अप्रैल आदेश जारी करते हुए प्रवासी मजदूरों को बसों और स्पेशल ट्रेनों से अपने गांव जाने की अनुमति दे दी थी, लेकिन प्रवासी मजदूर इससे पहले पैदल ही अपने गांव के लिए वापसी कर चुके थे। अव्यवस्था की वजह से आनंद विहार एवं अन्य रेलवे स्टेशन व बस स्टेशनों पर लोगों की भीड़ इकट्ठी हो गई। बता दें कि लॉकडाउन के दौरान उत्तर प्रदेश एवं बिहार के सर्वाधिक मजदूरों ने घर वापसी की।
इस दौरान निजी वाहनों को चलने की अनुमति नहीं थी, लेकिन लोग मॉल वाहक ट्रक-टेम्पो चल रहे थे। कई स्थानों पर इन वाहनों से वापसी कर रहे मजदूर दुर्घटना का शिकार हो गए। अब सवाल ये है कि जब सड़कों पर वाहनों के चलने की इजाजत नहीं थी तो ये मरने वाले कौन थे?
कुछ दुर्घटनाएं:
8 मई औरंगाबाद रेलवे लाइन पर दुर्घटना- रेलवे लाइन पर सो रहे 16 मजदूरों की ट्रेन से कट कर मौत
13 मई मुजफ्फरनगर में बस दुर्घटना- 6 मजदूरों की मौत
14 मई को मध्य प्रदेश में बस दुर्घटना – 9 मजदूरों की मौत
पढ़ते रहिए www.up80.online इंटरव्यू अथवा चयन समिति में ओबीसी, एससी-एसटी व महिला वर्ग का प्रतिनिधित्व अनिवार्य