यूपी80 न्यूज, लखनऊ
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य Keshav Prasad Maurya ने खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए स्वयं सहायता समूहों की दीदियों को इससे जोड़ने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि इसी उद्देश्य से स्वयं सहायता समूहों की प्रतिभाशाली दीदियों को जिला रिसोर्स पर्सन के रूप में चयनित किया जायेगा। उद्यमों की स्थापना से रोजगार के साधन बढ़ेंगे। किसानों की उपज का निर्यात भी बढ़ेगा।

उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के जिलों व मण्डलों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह अपने -अपने कार्य क्षेत्र में अधिक से अधिक लोगों को प्रोत्साहित कर खाद्य प्रसंस्करण उद्योग स्थापित करने के लिए प्रेरित करें, लोगों को नीति की जानकारी दी जाय। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य आज उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में अधिकारियों को दिशा-निर्देश दे रहे थे। खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा देने से किसान और अधिक समृद्ध होंगे। आत्मनिर्भर व विकसित भारत के निर्माण के लिए खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा दिया जायेगा। खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना से रोजगार के नये और अच्छे अवसर मिलेंगे।
उपमुख्यमंत्री श्री मौर्य ने प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना पर विशेष रूप से फोकस करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। नीति व योजनाओं के मुख्य बिंदुओं को चिन्हित कर ब्लाकों, तहसीलों व जिला स्तर पर, ग्राम पंचायतों व अन्य प्रमुख स्थलों पर वाले राइटिंग करायी जाय, यथा सम्भव होर्डिंग व बैनर आदि लगाकर प्रचार प्रसार किया जाय। ग्राम चौपालों व प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण के सर्वे का कार्य चल रहा है, उनमें भी चर्चा की जाय, इससे सम्बन्धित साहित्य वितरण किया जाय।
उत्तर प्रदेश में 65000 खाद्य प्रसंस्करण इकाईयां स्थापित हैं
उप मुख्यमंत्री ने स्टेट लेवल पर में एक काल सेन्टर स्थापित करने की आवश्यकता पर बल दिया। उत्तर प्रदेश में 65000 खाद्य प्रसंस्करण इकाईयां स्थापित हैं, जिसमें 2.55 लाख व्यक्तियों को प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से रोजगार सृजन हुआ है। प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के अन्तर्गत 15000 से अधिक इकाईयों को अनुदान स्वीकृति प्रदान की गयी, जिसके माध्यम से 1.50 लाख से अधिक प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार का सृजन किया गया है। विभाग द्वारा लगभग 15000 से अधिक लाभार्थियों को मशरूम उत्पादन एवं मूल्य संवर्द्धन का प्रशिक्षण उपलब्ध कराया गया है। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2017 के तहत प्रदेश में लगभग धनराशि 5,000 करोड़ रूपये का पूंजी निवेश उद्यमियों द्वारा किया गया। स्वयं सहायता समूहों, महिला उद्यमियों द्वारा भी खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए अहम योगदान दिया जा रहा है। उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2023 के तहत धनराशि 4,000 करोड़ से अधिक का पूंजी निवेश उद्यमियों द्वारा किया जा रहा है।
नवीन खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति के अन्तर्गत उद्यमी को इकाई लगाने के लिए अधिकतम 10 करोड़ रुपये तक का अनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की महिला समूहों को पीएम एफएमई योजना के लक्ष्यों की पूर्ति के लिए प्रत्येक जनपद में जनपदीय रिसोर्स पर्सन डीआरपी का चयन किया जायेगा।
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