पुस्तक में राजर्षि शाहूजी महाराज से लेकर अर्जुन सिंह तक का इतिहास शामिल है
लखनऊ, 11 मई
आरक्षण से क्या लाभ है? देश के विकास में आरक्षण बाधक है या लाभदायक? क्या प्रत्येक राज्य में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण मिल रहा है? इन सभी सवालों के जवाब के लिए ‘सर्वहारा वर्ग की आवाज-अनुप्रिया पटेल के ओजस्वी भाषण’ नामक पुस्तक जरूर पढ़िये। यह पुस्तक आपको यह भी बताएगी कि आजादी के समय अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के लिए आरक्षण लागू हुआ, बावजूद इसके केंद्रीय मंत्रालयों में इस समाज के वरिष्ठ अधिकारियों की संख्या कितनी है।
इस पुस्तक के लेखक वरिष्ठ पत्रकार बलिराम सिंह हैं। पुस्तक में पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल और उनके पिता एवं अपना दल के संस्थापक डॉ. सोनेलाल पटेल की जीवनी शामिल की गई है। इसके अलावा पुस्तक में डॉ.सोनेलाल पटेल के संदेश एवं अनुप्रिया पटेल के भाषणों का संग्रह है।
यह भी पढ़िये: अखिल भारतीय न्यायिक सेवा के गठन से ओबीसी, एससी-एसटी का बढ़ेगा प्रतिनिधित्व
आरक्षण का इतिहास:
पुस्तक की समीक्षा करने वाले लखनऊ उच्च न्यायालय के वरिष्ठ वकील एवं सामाजिक कार्यकत्र्ता नंद किशोर पटेल कहते हैं, “पुस्तक में आरक्षण के संस्थापक राजर्षि शाहूजी महाराज से लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन सिंह तक का इतिहास बहुत ही सुंदर ढंग से व्यक्त किया गया है। सामान्य व्यक्ति के लिए यह पुस्तक बहुत ही अच्छी है। महज 100 पेज की यह पुस्तक पढ़कर आप आरक्षण का इतिहास और आज के समय में समाज के निचले तबके के लिए आरक्षण क्यों जरूरी है, इसकी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। पुस्तक की कीमत मात्र 100 रुपए है।”
यह भी पढ़िये: सरदार पटेल ने कहा था,” किसान को सिर ऊंचा करके चलने लायक बना दूं, इतना करके मरूंगा तो जीवन सफल समझूंगा।”
यूपीएससी की तर्ज पर अखिल भारतीय न्यायिक सेवा का हो गठन:
पुस्तक में हमारी न्यायपालिका की स्थिति के बारे में बेहतर ढंग से जानकारी दी गई है। देश की अधिकांश आबादी आरक्षित वर्ग की है, लेकिन उच्च न्यायालयों में इस वर्ग के जजों की संख्या नाममात्र है। इस समस्या के निदान के लिए संघ लोक सेवा आयोग की तर्ज पर अखिल भारतीय न्यायिक सेवा का गठन होना चाहिए।