ओमप्रकाश राजभर ने नकली बताया तो अनिल राजभर ने गरीबों को धोखा देने का आरोप लगाया
लखनऊ, 28 फरवरी
आरक्षण को लेकर आने वाले समय में ओबीसी के अंदर ही स्वजातीय नेताओं के बीच संघर्ष तेज होने की संभावना बढ़ती जा रही है। वृहस्पतिवार को असली-नकली राजभर को लेकर दो नेता भिड़ गए। विधानसभा में सुभासपा नेता ओमप्रकाश राजभर ने पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण मंत्री अनिल राजभर को नकली राजभर बताया और नक्कालों से सावधान रहने को कहा। ओमप्रकाश राजभर के इस बयान पर भड़कते हुए अनिल राजभर ने उन्हें राजनीति का व्यापार कर गरीबों को धोखा देने का आरोप लगाया।
दिव्यांगजन मंत्री अनिल राजभर में हिम्मत नहीं है कि वह सीएम के सामने दिव्यांगजनों की पेंशन बढ़ाने की बात रखें। सीएम की घोषणा के बावजूद दिव्यांगजनों को मोटराइज्ड ट्राईसाइिकल नहीं दी गई।
ओमप्रकाश की स्थिति भी उस चिड़िया की तरह है जो रात को पैर ऊपर करके सोती है और सोचती है कि यदि आकाश गिरेगा तो वह उसे अपने पैरों से रोक लेगी। जनता सब समझ गई है कि ओमप्रकाश पैसों की राजनीति करते हैं।
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पिछड़े नेताओं के बीच बढ़ेगा संघर्ष:
बलिया निवासी सामाजिक चिंतक डॉ.हरेराम पटेल कहते हैं कि जिस तरह से पिछड़ों के हितों पर कुठाराघात हो रहा है और सत्ता में शामिल पिछड़े नेता मौन है। ऐसे में आने वाले समय में पिछड़े नेताओं के बीच ही संघर्ष बढ़ सकता है। अभी तो यह स्थिति दो राजभर नेताओं में दिख रही है। कल दो पटेल नेताओं अथवा दो मौर्या नेताओं के बीच इस तरह की स्थिति पैदा हो जाए तो कोई बड़ी बात नहीं होगी।
लखनऊ हाईकोर्ट के अधिवक्ता आलोक वर्मा कहते हैं कि लोकतंत्र में विपक्ष भी एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। सत्ता पक्ष को उसकी कमियों के बारे में बताता रहता है। ऐसे में सत्ता पक्ष के नेताओं को विपक्ष के नेताओं से टकराव की बजाय समस्याओं का निदान करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
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