हेमंत सोरेन सरकार का विशेष प्रयास, देश का पहला राज्य होगा झारखंड
यूपी80 न्यूज, रांची
झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार प्रदेश के आदिवासी छात्रों Schedule tribes students को उच्च शिक्षा high education हेतु दुनिया भर में प्रतिष्ठित ऑक्सफोर्ड और कैम्ब्रिज जैसे विश्वविद्यालयों में भेजेगी। आदिवासी छात्र-छात्राओं को मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृति योजना 2020 Marang Gomke Jaipal Singh Munda Transnational Scholarship Scheme 2020 के तहत यह छात्रवृति मिलेगी। देश में इस तरह की छात्रवृति योजना लागू करने वाला झारखंड पहला राज्य है।
प्रदेश के अनुसूचित जाति-जनजाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा अनुसूचित जनजाति के 10 मेधावी छात्रों को अब प्रत्येक वर्ष उच्च शिक्षा हेतु विदेश भेजेगी। ये छात्र कृषि, मानव विज्ञान, कला व संस्कृति, जलवायु परिवर्तन, मीडिया एंड कम्युनिकेशन, पर्यटन, अर्थशास्त्र सहित 22 विषयों में एक और दो वर्ष के पाठ्यक्रम या रिसर्च करेंगे।
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योग्यता:
छात्रवृति का लाभ लेने के लिए अभ्यर्थी को ग्रेजुएशन में 55 परसेंट अंक लाना अनिवार्य है। इसके अलावा संबंधित विषय में दो साल का शिक्षण कार्य भी जरूरी होगा। आवेदक की उम्र 40 वर्ष से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। आवेदक झारखंड का निवासी होना चाहिए। आवेदक के माता-पिता की कुल वार्षिक आय 12 लाख रुपए से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। किसी भी छात्र-छात्रा को इस योजना का मात्र एक बार लाभ दिया जाएगा।
बता दें कि इंग्लैंड में शिक्षा ग्रहण करने वाले मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा झारखंड के पहले आदिवासी थें। भारतीय हॉकी टीम का कप्तान रहते हुए उन्होंने भारत को ओलंपिक में स्वर्ण पदक दिलाया था। वे संविधान सभा के सदस्य रहें और झारखंड आंदोलन की नींव रखी थी।
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