बेबी रानी मौर्य, दयाशंकर सिंह, शलभमणि त्रिपाठी, असीम अरुण, आशीष पटेल को मिल सकती है महत्वपूर्ण जिम्मेदारी
यूपी80 न्यूज, लखनऊ
उत्तर प्रदेश Uttar Pradesh विधानसभा चुनाव के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ Yogi Adityanath ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी Narendra Modi से मुलाकात की। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीएम योगी को बधाई दी। मुलाकात के बाद अब योगी मंत्रिमंडल Yogi cabinetमें शामिल होने वाले नए चेहरों पर भी चर्चा शुरू हो गई है। बता दें कि चुनाव में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य सहित 11 मंत्री चुनाव हार चुके हैं। माना जा रहा है कि इस बार योगी मंत्रिमंडल में अधिकांश नए चेहरों को शामिल किया जाएगा। इनके अलावा सहयोगी दल अपना दल एस Apna Dal S की हिस्सेदारी भी बढ़ेगी एवं निषाद पार्टी Nishad Party को भी शामिल किया जाएगा।
बेबी रानी मौर्य:
बेबी रानी मौर्य Baby Rani Maurya उत्तराखंड की राज्यपाल थीं। चुनाव के ऐन मौके पर उन्होंने इस्तीफा देकर आगरा से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। चुनाव प्रचार के दौरान दलित वोटों को साधने के लिए बेबी रानी मौर्य ने पूरे प्रदेश में चुनाव प्रचार किया। इन्हें डिप्टी सीएम बनाए जाने की चर्चा है।
राजेश्वर सिंह:
ईडी में संयुक्त निदेशक रहे राजेश्वर सिंह Rajeshwar Singh को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। योगी सरकार में मंत्री स्वाति सिंह की जगह इन्हें सरोजनी नगर से टिकट दिया गया। इन्होंने सपा सरकार में मंत्री रह चुके अभिषेक मिश्रा को हराया है।
दयाशंकर सिंह:
भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह Dayashankar Singh बलिया सदर से विधायक चुने गए हैं। योगी मंत्रिमंडल में इन्हें शामिल किया जा सकता है। पिछली योगी सरकार में इनकी पत्नी स्वाति सिंह मंत्री थी।
शलभ मणि त्रिपाठी:
पेशे से पत्रकार रहे शलभमणि त्रिपाठी Shalabh Mani Tripathi देवरिया सदर से विधायक चुने गए हैं। ये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मीडिया सलाहकार थे। मंत्रिमंडल में इनके शामिल होने की चर्चा है। इनके जरिए गोरखपुर मंडल के ब्राह्मण समाज को संदेश देने की कोशिश की जाएगी।
नितिन अग्रवाल:
पूर्व कैबिनेट मंत्री नरेश अग्रवाल के बेटे नितिन अग्रवाल को इस बार मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। इनके जरिए प्रदेश के वैश्य मतदाताओं को संदेश देने की कोशिश की जा सकती है। पिछली सरकार में इन्हें डिप्टी स्पीकर बनाया गया था।
अदिति सिंह:
चुनाव से पहले कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुई अदिति सिंह रायबरेली सदर से विधायक चुनी गई हैं। इस बार मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है।
असीम अरुण:
कानपुर के पुलिस कमिश्नर रह चुके पूर्व आईपीएस असीम अरुण कन्नौज सदर से विधायक चुने गए हैं। इन्हें भी मंत्रिमंडल में शामिल करने की चर्चा है। भाजपा इनके जरिए दलित समाज को संदेश देने के अलावा सपा प्रमुख अखिलेश यादव के गढ़ कन्नौज में अपनी उपस्थिति मजबूत करने की रणनीति बना रही है।
आशीष पटेल:
भाजपा की सहयोगी पार्टी अपना दल एस ने 12 सीटें जीती है। ऐसे में मंत्रिमंडल में अपना दल एस की भी मजबूत उपस्थिति रहेगी। अपना दल एस के कार्यकारी अध्यक्ष एवं विधान परिषद सदस्य आशीष पटेल को भी मंत्रिमंडल में शामिल करने की चर्चा है।
श्रवण कुमार निषाद:
भाजपा की सहयोगी दल निषाद पार्टी के अध्यक्ष डॉ.संजय निषाद के बेटे श्रवण निषाद को मंत्री बनाया जा सकता है। ये गोरखपुर की चौरी-चौरा विधानसभा सीट से विधायक चुने गए हैं।
सुरेंद्र कुशवाहा:
कुशीनगर की फाजिलनगर सीट से पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य को हराने वाले भाजपा विधायक सुरेंद्र कुशवाहा को भी मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है।
अंजुला सिंह माहौर:
पूर्व महापौर और हाथरस से विधायक चुनी गई अंजुला माहौर को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। अंजुला दलित समाज से आती हैं। उन्होंने एक लाख वोटों के अंतर से जीत दर्ज की है।
राम विलास चौहान:
चुनाव से पहले कैबिनेट मंत्री दारा सिंह चौहान के समाजवादी पार्टी में होने के बाद चौहान समाज (नोनिया) को साधने के लिए बिहार के राज्यपाल फागू चौहान के पुत्र एवं मधुबन से विधायक चुने गए राम विलास पासवान को भी मंत्रिमंडल में शामिल करने की चर्चा है।
असीम राय:
कुशीनगर की तमकुही राज विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी असीम राय ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को हराया है। ऐसे में इन्हें भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है।
इन्हें भी मिल सकती है जगह:
सुरेश खन्ना, स्वतंत्रदेव सिंह, सतीश महाना, सूर्यप्रताप शाही, ब्रजेश पाठक, श्रीकांत शर्मा, सिद्धार्थनाथ सिंह, आशुतोष टंडन, केतकी सिंह, अनुराग सिंह, टी राम, संदीप सिंह, नीलकंठ तिवारी, अनिल राजभर, डॉ.महेंद्र सिंह, मोहसिन रजा, सुनील शर्मा, नंद कुमार नंदी