सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा- भाजपा सरकार की जनादेश की चुनावी चोरी, बेकाबू महंगाई, किसान व नारी उत्पीड़न के खिलाफ सपा के प्रदर्शन को अभूतपूर्व समर्थन मिला
यूपी80 न्यूज, लखनऊ
समाजवादी पार्टी ने गुरुवार को मिशन 2022 का शंखनाद कर दिया। पार्टी ने लखनऊ सहित प्रदेश की सभी तहसीलों पर जोरदार प्रदर्शन कर डीएम के जरिए राष्ट्रपति को 16 सूत्री मांग पत्र सौंपी है। अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार की जनादेश की ‘चुनावी चोरी’, बेकाबू महंगाई, किसान व नारी उत्पीड़न के खिलाफ सपा के प्रदर्शन को अभूतपूर्व समर्थन मिला है।
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने क्षेत्र पंचायत एवं जिला पंचायत अध्यक्षों के चुनाव में भाजपा सरकार पर धांधली एवं लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगाते हुए प्रदेशव्यापी प्रदर्शन का आह्वान किया था।
समाजवादी पार्टी की प्रमुख मांगें:
1.किसानों को उनकी फसलों का लाभकारी मूल्य दिया जाए एवं न्यूनतम समर्थन मूल्य (एम.एस.पी.) की गारंटी दी जाए।
2.प्रदेश में किसानों का गन्ने का बकाया भुगतान लगभग 15 हजार करोड़ रूपये तत्काल दिये जाए।
3.किसानों के ऊपर जो काला कृषि कानून थोपा जा रहा है उसे तत्काल वापस लिया जाए।
4.बढ़ती मंहगाई (डीजल-पेट्रोल, रसोईं गैस, खाद, बीज, कीट नाशक दवाएं, कृषि यंत्र इत्यादि) पर रोक लगाई जाए।
5.बेरोजगार नौजवानों को रोजगार दिया जाए।
6.उत्तर प्रदेश में ध्वस्त कानून व्यवस्था को दुरूस्त किया जाए।
7.महिलाओं के साथ हो रहे अपराध पर रोक लगाई जाए।
8.समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खां सांसद जी और उनके परिवार व पार्टी के नेताओं व कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न बन्द हो तथा उनके ऊपर फर्जी मुकदमें दर्ज करना तत्काल बंद किया जाए।
9.उत्तर प्रदेश भाजपा सरकार द्वारा किए जा रहे संगठित अपराध को अविलम्ब बंद किया जाए।
10.उत्तर प्रदेश की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था को तत्काल दुरुस्त किया किया जाए।
11.बढ़ते भ्रष्टाचार पर रोक लगाई जाए।
12.कोरोना काल में सरकार द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की जांच कराई जाए और मृतकों के परिजनों को मुआवजा दिया जाए।
13.जिला पंचायत व क्षेत्र पंचायत अध्यक्षों के चुनाव में हुई धांधली एवं हिंसा की जांच कराई जाए। जांच में पाए गए दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाई की जाए और पुनः मतदान कराया जाए।
14.पत्रकारों के ऊपर लगातार हो रहे हमले और हत्याओं पर रोक लगाई जाए।
15.दलित वर्ग तथा अल्पसंख्यक वर्ग पर हो रहे अत्याचार बन्द हों।
16.पिछड़े वर्ग को अनुमन्य 27 प्रतिषत आरक्षण में कटौती बन्द हो।