• About
  • Advertise
  • Contact
Thursday, July 31, 2025
UP80
  • होम
  • यूपी
  • बिहार
  • दिल्ली
  • राजनीति
  • देश
  • विदेश
  • अन्य राज्य
No Result
View All Result
  • होम
  • यूपी
  • बिहार
  • दिल्ली
  • राजनीति
  • देश
  • विदेश
  • अन्य राज्य
No Result
View All Result
UP80
No Result
View All Result
Home देश

 क्यों दरकता जा रहा है एनडीए का कुनबा ?

up80.online by up80.online
November 12, 2019
in देश, बड़ी खबर, राजनीति
0
NDA

एनडीए के कुनबा में खटास

0
SHARES
Share on FacebookShare on TwitterLinkedinWhatsappTelegramEmail

शिवसेना अलग, जेडीयू से खटास, झारखंड में अलग चुनाव लड़ेंगी एलजेपी व आजसू

नई दिल्ली, 12 नवंबर

दुनिया की सबसे बड़ी राजनैतिक पार्टी का दावा करने वाली भारतीय जनता पार्टी का इन दिनों अपने सहयोगियों से खटास बढ़ता जा रहा है। अटल व आडवाणी युग में जिन सहयोगी दलों से बीजेपी के मधुर संबंध थें, आज उन्हीं से संबंधों में खटास आ गया है। हालात ऐसे हैं कि अधिकांश सहयोगी दल अब अन्य जगह अपना ठौर तलाश रहे हैं।

मौजूदा राजनीतिक दौर में एनडीए में बिखराव बढ़ता जा रहा है। देश के हर हिस्से में बीजेपी और उसके सहयोगी दलों के बीच मनमुटाव है। कुछ जगहों पर खुल कर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है तो कुछ जगहों पर अप्रत्यक्ष तौर पर सहयोगियों को नजरअंदाज करने का सिलसिला शुरू है। ऐसे हालात में सवाल उठता है कि क्या बीजेपी के बढ़ते जनाधार की वजह से उसे सहयोगियों की जरूरत नहीं है अथवा सहयोगियों के साथ ठीक से समन्वय नहीं हो पा रहा है।

फिलहाल बीजेपी के सहयोगी दलों शिवसेना, जेडीयू, एलजेपी, आजसू जैसी पार्टियों से मनमुटाव चल रहा है। कुछ पार्टियां खुलकर बीजेपी का विरोध कर रही हैं तो कुछ पार्टियां मौके का इंतजार कर रही हैं।

यह भी पढ़िए: राम जन्मभूमि मुक्ति के लिए 76 बार हो चुके हैं युद्ध 

फिलहाल बीजेपी की सबसे प्रमुख सहयोगी दल शिवसेना एनडीए से अलग हो गई है। बीजेपी और शिवसेना की दोस्ती पिछले तीन दशक से चली आ रही थी। हालांकि राजनीतिक पंडित भले ही मौजूदा दौर के लिए शिवसेना की महात्वाकांक्षा को जिम्मेदार बता रहे हैं, लेकिन दोनों दलों के बीच खटास का दौर काफी पहले शुरू हो गया था। केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु को शिवसेना से बीजेपी में शामिल कराना शिवसेना के नेताओं को चिढ़ाना जैसा था। इसके अलावा विधानसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर भी दोनों दलों के बीच खटास पैदा हुआ। देवेंद्र फड़नवीस व शिवसेना के नेताओं के बीच कभी मधुर संबंध नहीं दिखे। जानकारों का यह भी कहना है कि यदि 24 साल पहले 1995 में 176 सीट होने के बावजूद 67 सीटों वाली बसपा की नेता मायावती को बीजेपी मुख्यमंत्री बना सकती थी तो फिर महाराष्ट्र में बीजेपी को क्या समस्या थी?

यह भी पढ़िए: स्वामी ने नीतीश को दी चेतावनी, “राजनीति करनी है तो बिहार में छोटा भाई बनिए”

झारखंड में अलग चुनाव लड़ेंगी एलजेपी व आजसू:

बीजेपी की सहयोगी पार्टी एलजेपी झारखंड विधानसभा का चुनाव अलग लड़ेगी। सोमवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने इसकी घोषणा की। इसी तरह बीजेपी की अन्य सहयोगी पार्टी आजसू के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुदेश महतो ने भी बीजेपी से अलग होकर चुनाव लड़ने का फैसला किया है।

जेडीयू-बीजेपी में दूरियां बढ़ी:

मौजूदा दौर में जेडीयू और बीजेपी के संबंध भी बेहतर नहीं है। बिहार में सत्ता में होने के बावजूद बीजेपी के नेताओं ने पिछले दिनों आई बाढ़ के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली। गिरिराज सिंह, संजय पासवान, सुब्रमण्यम स्वामी जैसे भाजपा नेताओं के बयानों से दोनों पार्टियों के रिश्तों में और कड़वाहट आई। ऐसा लगता है कि जैसे शीर्ष नेतृत्व ने इन नेताओं को नीतीश कुमार के खिलाफ बोलने के लिए खुली छूट दे रखा है। 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में दोनों दलों के एक साथ लड़ने पर फिलहाल संशय बरकरार है।

यह भी पढ़िए: भाजपा नेता संजय पासवान ने कहा, “सीएम पद छोडें नीतीश कुमार”

बीजेपी-अपना दल (एस):

उत्तर प्रदेश में बीजेपी की दो सहयोगी पार्टियों सुहलदेव भारतीय समाज पार्टी (भासपा) एवं अपना दल (एस) थीं। फिलहाल भासपा उत्तर प्रदेश सरकार से अलग हो गई है, हालांकि योगी सरकार में अपना दल (एस) शामिल है, लेकिन 10 विधायकों एवं दो सांसदों के बावजूद केवल एक राज्यमंत्री दिए जाने और केंद्र में अनुप्रिया पटेल के मंत्री न बनाए जाने से पार्टी कार्यकर्ताओं को मलाल है। पार्टी कार्यकर्ताओं से बातचीत में अनुप्रिया पटेल और उनके पति आशीष पटेल के मंत्री न बनाए जाने की टीस साफ दिखती है।

यह भी पढ़िए: 13 माह में भाजपा ने अपने नवरत्न खो दिए

इंडियन जस्टिस पार्टी:

इंडियन जस्टिस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदित राज ने 2014 के चुनाव से पूर्व अपनी पार्टी का बीजेपी में विलय कर दिया और पश्चिमी दिल्ली से बीजेपी के सांसद बनें। लेकिन इस बार उनका पत्ता काट दिया गया। मजबूर होकर उन्हें कांग्रेस की शरण में आना पड़ा।

विशेषज्ञों की राय:

जेडीयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने एनडीए से अलग होते घटक दलों पर सवाल उठाते हुए समन्वय समिति के गठन की मांग की है।

पीटीआई (भाषा) के वरिष्ठ पत्रकार अनूप हेमकर कहते हैं कि अटल जी जब राजग मुखिया रहे तो वह सभी सहयोगी दलों को एक साथ लेकर चलते थे। विश्वास का वातावरण रहता था। भाजपा अब अटल जी वाली भाजपा नहीं रही। अब वह मोदी व शाह की भाजपा हो गई है। सहयोगियों को पर्याप्त सम्मान नहीं दिया जा रहा है। यही कारण है कि सहयोगी दल भाजपा से किनारा करते जा रहे हैं।

यह भी पढ़िए: दलितों के सशक्तिकरण के लिए आरक्षण के अलावा स्वावलम्बी होना भी जरूरी: लाल जी निर्मल

लखनऊ हाई कोर्ट के अधिवक्ता एवं सामाजिक जानकार नंदकिशोर पटेल कहते हैं कि राष्ट्र के निर्माण में क्षेत्रीय दलों की भी अतुलनीय भूमिका होती है। क्षेत्रीय असंतुलन की वजह से इन दलों का उभार हुआ है। वाजपेयी सरकार में इन दलों के हितों का ध्यान रखा जाता था, लेकिन मौजूदा दौर में ऐसा लगता है कि प्रचंड बहुमत की वजह से भाजपा अपने सहयोगी दलों को नजरअंदाज कर रही है।

हालांकि इससे इतर द एशिन एज के विशेष संवाददाता एवं पिछले 10 सालों से बीजेपी की रिपोर्टिंग कर रहे शशि भूषण कहते हैं, “फिलहाल बीजेपी काफी ताकतवर हो गई है और उसके जरिए कई क्षेत्रीय दलों को जीत हासिल हुई है। ऐसे में बीजेपी अपना नुकसान करके क्षेत्रीय दलों को खुश करने की स्थिति में नहीं है।“

Previous Post

राशन की दुकानों पर कंडोम, सेनेटरी नैपकिन भी मिलेंगे

Next Post

अनुप्रिया पटेल ने वाराणसी टीम में किया बड़ा बदलाव

up80.online

up80.online

Related Posts

रमाशंकर राजभर
दिल्ली

संसद से लेकर सलेमपुर तक हर ओर सपा सांसद की ही चर्चा, कार्यकर्ता गदगद

July 30, 2025
IAS
अन्य राज्य

एस कृष्णनन प्रेसीडेंट व कुणाल बने आईएएस सेंट्रल एसो. के सेक्रेट्री

July 28, 2025
मिर्जापुर
दिल्ली

कारगिल युद्ध में अपना सर्वोच्च बलिदान देकर  बहादुर जवानों ने एक ही संदेश दिया- नेशन फर्स्ट

July 26, 2025
Next Post
वाराणसी

अनुप्रिया पटेल ने वाराणसी टीम में किया बड़ा बदलाव

JNU

जेएनयू के छात्रों के सामने झुका केंद्र, हॉस्टल फीस वृद्धि वापस

Prashant Kumar

दिनदहाड़े भाजपा नेता के बेटे की हत्या, असंवेदनशील डीएम ने मृतक के पीसीएस भाई को कॉलर पकड़ कर खींचा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recommended

IAS

एस कृष्णनन प्रेसीडेंट व कुणाल बने आईएएस सेंट्रल एसो. के सेक्रेट्री

4 days ago
रमाशंकर राजभर

संसद से लेकर सलेमपुर तक हर ओर सपा सांसद की ही चर्चा, कार्यकर्ता गदगद

2 days ago
बेल्थरा रोड: सफलता की राह दिखा गए प्रो. दुबे

बेल्थरा रोड: सफलता की राह दिखा गए प्रो. दुबे

20 hours ago
दानिश आज़ाद

डॉ. कलाम की पुण्यतिथि पर प्रदेश के मदरसों में विज्ञान प्रदर्शनी

7 days ago

Categories

  • अखिलेश यादव
  • अन्य राज्य
  • तेजस्वी यादव
  • दिल्ली
  • देश
  • बड़ी खबर
  • बिहार
  • यूपी
  • यूपी विधानसभा चुनाव
  • राजद
  • राजनीति
  • विदेश
  • सपा

Topics

Akhilesh Yadav Anupriya Patel Apna Dal (S) Azamgarh Ballia Belthra Road bihar bjp BSP Congress death farmers Mirzapur Samajwadi Party Sonbhadra Uttar Pradesh Varanasi yogi govt अखिलेश यादव अनुप्रिया पटेल अपना दल (एस) आजमगढ़ उत्तर प्रदेश ओबीसी कांग्रेस किसान किसान आंदोलन केशव प्रसाद मौर्य कोरोना नीतीश कुमार पंचायत चुनाव बलिया बसपा बिहार बीजेपी बेल्थरा रोड भाजपा मायावती मिर्जापुर योगी सरकार वाराणसी सपा समाजवादी पार्टी सीएम योगी सोनभद्र

Highlights

 “जातिगत जनगणना से उजागर होगी देश की सच्ची तस्वीर” – अनुप्रिया पटेल

यमुना नदी के लिए दर-दर भिक्षा मांग रहे देवरिया के ‘लाल’ रविशंकर तिवारी

69000 शिक्षक भर्ती मामले में पीएम मोदी को पत्र लिखेंगे अखिलेश यादव

ईरान और इज़राइल में फंसे भारतीयों को सुरक्षित वापस निकाले सरकार

सबसे बड़ा गुंडा कौन-ओमप्रकाश राजभर या कोई और?

प्रदेश में “सब चंगा” नहीं है, ओबीसी छात्रों को नहीं मिल रही है छात्रवृत्ति

Trending

बेल्थरा रोड: सफलता की राह दिखा गए प्रो. दुबे
यूपी

बेल्थरा रोड: सफलता की राह दिखा गए प्रो. दुबे

by up80.online
July 30, 2025
0

सेंट जेवियर्स स्कूल में छात्रों को मिले प्रेरणा के सूत्र यूपी 80 न्यूज़, बेल्थरा रोड बेल्थरारोड में...

रमाशंकर राजभर

संसद से लेकर सलेमपुर तक हर ओर सपा सांसद की ही चर्चा, कार्यकर्ता गदगद

July 30, 2025
IAS

एस कृष्णनन प्रेसीडेंट व कुणाल बने आईएएस सेंट्रल एसो. के सेक्रेट्री

July 28, 2025
मिर्जापुर

कारगिल युद्ध में अपना सर्वोच्च बलिदान देकर  बहादुर जवानों ने एक ही संदेश दिया- नेशन फर्स्ट

July 26, 2025
दानिश आज़ाद

डॉ. कलाम की पुण्यतिथि पर प्रदेश के मदरसों में विज्ञान प्रदर्शनी

July 24, 2025

About Us

लोकतांत्रिक देश में मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ कहा जाता है। मीडिया का मुख्य कार्य जनसरोकार से जुड़ी खबरों को आम जनता तक पहुंचाना है, ताकि आम जनता उन योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठा सके। इसके अलावा सरकार की किसी भी योजना का आम जनता को कितना लाभ मिल रहा है, उसके जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्र में आम जनता की समस्याओं का निराकरण कैसे करते हैं। लोकतंत्रिक देश में जनप्रतिनिधि अपनी जनता की अपेक्षाओं पर कितना खरा उतरते हैं। ये सभी जानकारी आपको www.up80.online पर मिलेंगी।

Follow us on social media:

Trending

बेल्थरा रोड: सफलता की राह दिखा गए प्रो. दुबे

संसद से लेकर सलेमपुर तक हर ओर सपा सांसद की ही चर्चा, कार्यकर्ता गदगद

एस कृष्णनन प्रेसीडेंट व कुणाल बने आईएएस सेंट्रल एसो. के सेक्रेट्री

कारगिल युद्ध में अपना सर्वोच्च बलिदान देकर  बहादुर जवानों ने एक ही संदेश दिया- नेशन फर्स्ट

डॉ. कलाम की पुण्यतिथि पर प्रदेश के मदरसों में विज्ञान प्रदर्शनी

कंगना रनौत के खिलाफ दर्ज हो एफआईआर, कुर्मि क्षत्रिय सभा ने एसपी को लिखा पत्र

Others Links

  • Contact
  • About Us
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions
  • About
  • Advertise
  • Contact

Copyright © 2019 up80.online

error: Content is protected !!
No Result
View All Result
  • Home
  • देश
  • राजनीति
  • विदेश
  • बिहार
  • यूपी
  • वीडियो
  • दिल्ली

Copyright © 2019 up80.online