‘फ्रंटियर्स इन एनवायरनमेंटल माइक्रोबायोलॉजी’ नामक प्रसिद्ध अमेरिकी जर्नल की एडिटोरियल बोर्ड की सदस्य बनीं रीना सचान
यूपी80 न्यूज, कानपुर
कानपुर के घाटमपुर की रहने वाली बेटी रीना सचान Reena Sachan लोहे अथवा अन्य धातुओं में लगने वाली जंग को रोकने के लिए रिसर्च कर रही हैं। फिलहाल आईआईटी रूड़की IIT Roorkee की शोधार्थी रीना सचान का एक शोध रिसर्च प्रसिद्ध जर्नल ‘कंस्ट्रक्शन एंड बिल्डिंग मैटेरियल’ में प्रकाशित हुआ है। यदि रीना सचान अपने शोध में सफल होती हैं तो उद्योग जगत को हर साल करोड़ों रुपए की बचत होगी। इससे आम आदमी के जीवन में भी बदलाव होगा। रीना सचान की उपलब्धियों को देखते हुए ‘फ्रंटियर्स इन एनवायरनमेंटल माइक्रोबायोलॉजी Frontiers in Environmental Microbiology’ नामक प्रसिद्ध जर्नल ने उन्हें एडिटोरियल बोर्ड का मेंबर बनाया है। रीना सचान की इस उपलब्धि पर घाटमपुर सहित कानपुरवासियों में खुशी की लहर है।
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रीना सचान मूलरूप से कानपुर के घाटमपुर क्षेत्र के ग्राम धरमंगदपुर सजेती की रहने वाली हैं। उनका परिवार किदवई नगर, कानपुर में रहता है और उनकी शादी घाटमपुर के ग्राम असधना में डॉ.राजेंद्र प्रसाद के पुत्र आशीष कुमार उमराव से हुई है। फिलहाल रीना सचान आईआईटी रूड़की में रहकर पीएचडी कर रही हैं। इससे पहले रीना सचान कानपुर यूनिवर्सिटी से माइक्रोबॉयोलॉजी से एमएससी करने के बाद गेट पास कर बॉयोटेक्नोलॉजी से एमटेक किया है। रीना सचान के पति आशीष कुमार उमराव एजुकेशन इंस्टीट्यूट का संचालन करते हैं। आशीष उमराव का कहना है कि रीना सचान का सपना पीएचडी कर विदेश से पोस्ट डॉक्टरेट करने का है और भविष्य में समाज के बच्चों को आगे बढ़ाने व पढ़ाई के लिए गाइडेंस देने में खुशी होगी।
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