कांग्रेस का एक तीर से दो निशाना: पंजाब में अकाली दल-बसपा गठबंधन को जवाब तो उत्तर प्रदेश के दलित समाज को भी संदेश
यूपी80 न्यूज, नई दिल्ली
आखिर पंजाब कांग्रेस में पिछले एक पखवाड़े से चली आ रही राजनैतिक उठा-पटक रविवार को समाप्त हो गई। कांग्रेस ने दलित समाज से आने वाले चरनजीत सिंह चन्नी को मुख्मंत्री बनाने का फैसला किया है। श्री चन्नी 1966 में हुए राज्य पुनर्गठन के बाद दलित समाज से पहला सीएम होने जा रहा है। कांग्रेस ने इस घोषणा से एक तीर से दो निशाना लगाया है। कांग्रेस को पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव में अकाली दल-बसपा गठबंधन को रोकने में मदद मिलेगी तो दूसरी ओर उत्तर प्रदेश में भी कांग्रेस को इसका लाभ मिल सकता है।
बता दें कि पिछले कुछ महीनों से नवजोत सिंह सिद्धू से टकराव की वजह से मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शनिवार को सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। उनके इस्तीफा के बाद सिद्धू, सुखजिंदर सिंह रंधावा, सुनील जाखड़ और अंबिका सोनी जैसे वरिष्ठ नेता मुख्यमंत्री पद की रेस में चल रहे थे, लेकिन कांग्रेस ने अंतत: दलित कार्ड खेल कर बड़ा संदेश दिया है।
पंजाब के कांग्रेस प्रभारी एवं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने ट्वीट के जरिए चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाए जाने की जानकारी दी। कांग्रेस के इस फैसला से हिन्दू, सिख व दलित मतदाताओं को एक साथ साधने में मदद मिलेगी।
पंजाब में है देश में सर्वाधिक दलित आबादी:
बता दें कि पंजाब में दलित आबादी लगभग 32 परसेंट है। जो कि देश में सर्वाधिक है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में लगभग 22 से 24 परसेंट दलित आबादी है। कुछ महीने पहले अकाली दल एवं बहुजन समाज पार्टी ने विधानसभा चुनाव के मद्देनजर गठबंधन किया था। इस गठबंधन के जरिए सिख व दलित समाज को एकजुट करने की कोशिश की गई थी, लेकिन कांग्रेस के दलित सीएम बनाने की घोषणा के बाद राजनीति करवट लेगी। दलित मतदाता कांग्रेस की ओर लौट सकते हैं। कांग्रेस के इस फैसले से न केवल पंजाब में उसे लाभ मिल सकता है, बल्कि उत्तर प्रदेश में लाभ मिलने की संभावना है। इसके अलावा पूरे देश के दलित समाज में कांग्रेस के प्रति एक सकारात्मक संदेश जाएगा।