ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा का सवाल- 38 सीट पर लड़कर 8 सीट जीतने वाले को राज्यसभा और 16 सीट लड़कर 6 सीट जीतने वाले की उपेक्षा, ऐसा क्यों?
यूपी80 न्यूज, लखनऊ
विधान परिषद का टिकट न मिलने से महान दल Mahan Dal के मुखिया केशव देव मौर्य Keshav Dev Maurya ने समाजवादी पार्टी Samajwadi Party गठबंधन से नाता तोड़ लिया है। केशव देव मौर्य ने आरोप लगाया है कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव Akhilesh Yadav चाटुकारों से घिरे हुए हैं। अब उन्हें मेरी जरूरत नहीं है। उधर, सुभासपा SBSP प्रमुख ओमप्रकाश राजभर Omprakash Rajbhar भी अखिलेश यादव से नाराज बताए जा रहे हैं। उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य Swami Prasad Maurya को विधान परिषद सदस्य बनाए जाने पर नाराजगी जतायी है।
समाजवादी पार्टी ने विधान परिषद के लिए बुधवार को चार उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी। इनमें पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य, जासमीर अंसारी, मुकुल यादव Mukul Ansari और शाहनवाज खान शामिल हैं। अखिलेश यादव ने करहल सीट से पूर्व विधायक सोबरन सिंह यादव के बेटे मुकुल यादव को टिकट दिया है। इनमें से दो प्रत्याशी पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान के करीबी हैं।
विधान परिषद चुनाव के लिए सपा की तरफ से जारी प्रत्याशियों की सूची से केशव देव मौर्य नाराज हो गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि अखिलेश यादव को जमीनी कार्यकर्ताओं की जरूरत नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि जो दबाव बना रहे हैं, अखिलेश यादव उन्हें ही राज्यसभा और विधान परिषद भेज रहे हैं। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी से मैं अलग नहीं होना चाहता था, लेकिन सपा को हमारी जरूरत नहीं है।
स्वामी प्रसाद मौर्य समाज की बात नहीं करते:
केशव देव मौर्य ने यह भी आरोप लगाया कि स्वामी प्रसाद मौर्य को कभी भी समाज से मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य समाज की आवाज नहीं उठाते हैं। अयोध्या में खुदाई में भगवान बुद्ध की मूर्ति मिलने पर भी स्वामी प्रसाद मौर्य मौन रहे।
ओमप्रकाश राजभर भी नाराज:
बताया जा रहा है कि विधान परिषद उम्मीदवार न बनाए जाने से सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर भी नाराज हैं। ओमप्रकाश राजभर अपने बेटे अरविंद राजभर के लिए टिकट मांग रहे थे।
सुभासपा के प्रवक्ता पियूष मिश्रा ने अखिलेश यादव पर उपेक्षा का आरोप लगाया है। उनके ट्वीट को ओमप्रकाश राजभर के पुत्र अरविंद राजभर ने रिट्वीट किया है।
पीयूष मिश्रा ने सोशल मीडिया पर कहा है,
“समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव जी का आज का फैसला निश्चित ही सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं को निराश करने वाला है, एक सहयोगी 38 सीट लड़कर 8 सीट जीतते हैं तो उन्हें राज्यसभा, हमें वहां कोई ऐतराज नहीं। लेकिन हम 16 सीट लड़कर 6 जीतते हैं तो हमारी उपेक्षा, ऐसा क्यों?”