दोनों कद्दावर नेता पिछड़ी जाति OBC Caste से ताल्लुक रखते हैं; आजमगढ़ Azamgarh से बसपा विधायक शाह आलम ऊर्फ गुड्डू जमाली MLA Shah Alam बने विधानमंडल दल के नेता, सपा में शामिल हो सकते हैं दोनों नेता
यूपी80 न्यूज, लखनऊ
आखिरकार विधानसभा चुनाव से 8 महीने पहले बसपा सुप्रीमो मायावती BSP Supremo Mayawati ने अपने दूसरे सबसे बड़े सिपहसलार एवं बसपा विधानमंडल दल के नेता लालजी वर्मा MLA Lalji Verma और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामअचल राजभर Ram Achal Rajbhar को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। बसपा ने इन दोनों नेताओं पर पिछले महीने हुए पंचायत चुनाव में पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने का आरोप लगाया है। ये दोनों नेता पिछड़ी जाति OBC Caste से ताल्लुक रखते हैं। कुर्मी जाति से लालजी वर्मा और राजभर समाज से रामअचल राजभर आते हैं। श्री वर्मा की जगह पर आजमगढ़ से विधायक एवं कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक शाह आलम ऊर्फ गुड्डू जमाली को नए विधायक दल का नेता बनाया गया है।
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बता दें कि लालजी वर्मा अंबेडकर नगर के कटेहरी Katehri विधानसभा सीट से विधायक हैं एवं रामअचल राजभर अकबरपुर Akabarpur से विधायक हैं। बसपा ने अपने सभी पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि इन दोनों विधायकों को पार्टी के किसी भी कार्यक्रम में न बुलाया जाए।
मायावती के बेहद करीबी रहे हैं वर्मा व राजभर:
बता दें कि मौजूदा दौर में सतीश चंद्र मिश्रा Satish Chandra Mishra के बाद लालजी वर्मा को मायावती का सबसे करीबी नेता बताया जाता था। इनके अलावा राम अचल राजभर भी मायावती के काफी करीबी माने जाते थे। दोनों नेता अंबेडकरनगर जनपद से आते हैं। लेकिन पंचायत चुनाव के बाद पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता का आरोप लगाते हुए इन्हें पार्टी से बाहर कर दिया गया। उधर, पूर्व मंत्री राम अचल राजभर के खिलाफ विभिन्न स्तर पर जांचें चल रही थी। इसी वजह से बसपा शायद इनसे छुटकारा चाहती थी। ये दोनों नेता बसपा के स्थापना के समय से पार्टी से जुड़े रहे। लेकिन अब इनके निष्कासन का लाभ-हानि आने वाले विधानसभा चुनाव में नजर आएगा।
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