प्रदेश के जिलाधिकारी कार्यालयों के जरिए प्रधानमंत्री को दिया ज्ञापन
यूपी80 न्यूज, लखनऊ
ओबीसी आरक्षण में क्रीमीलेयर संशोधन के खिलाफ अखिल भारतीय कुर्मी महासभा ने उत्तर प्रदेश के 42 जिलों में प्रधानमंत्री के नाम प्रदेशव्यापी अभियान चलाया है। महासभा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ.हरिश्चंद्र पटेल एवं प्रदेश महासचिव गिरजेश पटेल के नेतृत्व में प्रदेश के इन जिलों के जरिए प्रधानमंत्री को ज्ञापन दिया गया।
उत्तर प्रदेश कुर्मी महासभा ने कोरोना काल जैसी विषम परिस्थितियों में पिछड़ों से जुड़े इस ज्वलंत मामले को ध्यान में रखते हुए प्रदेशव्यापी अभियान चलाया।
महासभा के कानपुर मंडल के प्रभारी धीरेंद्र सिंह पटेल, गोरखपुर मंडल के प्रभारी राजेश चौधरी, बरेली मंडल के प्रभारी अनुपम कुमार गंगवार , झांसी मंडल के प्रभारी अवधेश कुमार निरंजन, वाराणसी मंडल प्रभारी डॉ.आरबी सिंह, प्रदेश संगठन सचिव इंजीनियर प्रवीण कुमार सिंह के नेतृत्व में पूरे प्रदेश में ज्ञापन दिया गया।
इसी तरह बस्ती मंडल प्रभारी श्याम सुंदर चौधरी, मुरादाबाद मंडल प्रभारी उमेशचंद्र पटेल, अयोध्या मंडल प्रभारी राम अवतार वर्मा, लखनऊ मंडल प्रभारी डॉ.आशुतोष वर्मा, प्रयागराज मंडल प्रभारी इं.सुनील सिंह पटेल, चित्रकूट मंडल के प्रभारी अजय सिंह चंद्रौल के नेतृत्व में इन मंडलों के अंतर्गत आने वाले जिलाधिकारी कार्यालयों में क्रीमीलेयर संशोधन के खिलाफ ज्ञापन दिए गए।
महासभा की प्रमुख मांगें:
पंडित बी0 पी0 शर्मा समिति की रिपोर्ट द्वारा प्रेषित क्रीमीलेयर की वार्षिक आय सीमा 12 लाख और सकल वार्षिक आय में वेतन और कृषि आय जोड़े जाने की सिफारिश को तत्काल निरस्त किया जाए।
- जनहित में क्रीमीलेयर को पूरी तरह समाप्त किया जाय अथवा इसकी सीमा 24 लाख बढ़ाकर सकल वार्षिक आय की गणना में वेतन और कृषि आय को न जोड़ा जाए।
- न्याय हित में गरीब सवर्णों के 10 प्रतिशत आरक्षण की भांति अन्य पिछड़ा वर्ग को भी निजी क्षेत्र की सभी शिक्षण संस्थाओं और निजी क्षेत्र की सभी नौकरियों में 27 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया जाए।
- गरीब सवर्ण के आरक्षण में अभ्यर्थियों एवं छात्रों के परिवार की वार्षिक आय रुपए 8 लाख तक को गरीबी रेखा के नीचे रखा गया है। जबकि अन्य पिछड़ा वर्ग हेतु शहरी क्षेत्र में 60 हजार वार्षिक आय वाले अभ्यर्थियों व छात्रों को तथा ग्रामीण क्षेत्र में 40 हजार वार्षिक आय तक वालों को गरीबी रेखा के नीचे रखा गया है। अतः पिछड़े वर्ग के लिए भी गरीबी रेखा की वार्षिक आय रुपए 8 लाख निर्धारित किया जाए।
- जिस प्रकार एस0 टी0/ एस0 सी0 एवं सामान्य वर्ग में क्रीमीलेयर की व्यवस्था नहीं है। उसी प्रकार पिछड़े वर्ग से भी क्रीमीलेयर की व्यवस्था समाप्त किए जाए।
6. जिस वर्ग के कल्याण हेतु सरकारी नीतियों के निर्माण के लिए समिति अथवा आयोग का गठन किया जाए। उसी वर्ग का सदस्य सम्बन्धित समिति का अध्यक्ष मनोनीत किया जाए।