परिजनों ने पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल से परिवार के एक सदस्य को नौकरी व स्मारक बनवाने की अपील की
यूपी80 न्यूज, जौनपुर
जौनपुर Jaunpur के दुधौली Dudhauli गांव का लाल पारस नाथ सरोज Martyr Paras Nath Saroj 4 साल पहले छत्तीसगढ़ के सुकमा जिला में शहीद हो गया, लेकिन आज तक शहीद के परिजन सरकारी सुविधा के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। शहीद के भाई अकलेश कुमार सरोज ने अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल Anupriya Patel से परिवार के एक सदस्य को नौकरी दिलाने और गांव में शहीद के नाम पर स्मारक का निर्माण कराने के साथ ही ग्राम सभा की जमीन आवंटित कराने की अपील की है।
अकलेश सरोज का कहना है कि उनके भाई पारस नाथ सरोज सीआरपीएफ CRPF में हवलदार जीडी पद पर कार्यरत थे। छत्तीसगढ़ के सुकमा Sukma जिला में उनकी तैनाती थी। 28 जनवरी 2017 को प्रेशर बम के फटने से पारस नाथ सरोज शहीद हो गए। उनके पार्थिव शरीर गांव में अपने पर जनपद के तमाम नेताओं के अलावा एसपी-डीएम भी आए थे और ढांढस बंधाया था। लेकिन आज 4 साल बीतने के बावजूद भाभी की नौकरी नहीं लगी। स्मारक का निर्माण नहीं किया गया। ग्राम सभा की जमीन भी आवंटित नहीं हुई। जबकि जमीन आवंटन के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से आदेश जारी हो गया है।
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अपना दल (एस) के अनुसूचित जाति मंच के प्रदेश महासचिव ललई सरोज कहते हैं कि शहीद पारस नाथ सरोज का परिवार काफी आर्थिक संकट से गुजर रहा है। लेकिन प्रशासन को कोई सुध नहीं है। इसलिए हमने परिजनों के अनुरोध पर पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल से शहीद के परिवार को भूमि आवंटित कराने के अलावा परिवार के एक सदस्य को नौकरी दिलाने, शहीद के नाम पर स्मारक का निर्माण करवाने की अपील की है।
2 भाइयों का हो चुका है निधन:
शहीद पारस नाथ सरोज पांच भाई थे। बड़े भाई गांव के स्कूल में चपरासी पद पर कार्यरत थे, लेकिन उनका आकस्मिक निधन हो गया। इसके अलावा 4 साल पहले पारस नाथ सरोज शहीद हो गए। अब परिवार में केवल तीन भाई बचे हैं।
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