चिराग गुट व पारस गुट को लगा झटका, उपचुनाव में अलग चिह्न पर उतारना होगा प्रत्याशी
यूपी80 न्यूज, नई दिल्ली
पूर्व केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान के पुत्र सांसद चिराग पासवान और राम विलास पासवान के छोटे भाई एवं केंद्रीय खाद्य एवं प्रसंस्करण मंत्री पशुपति कुमार पारस के बीच चल रही लड़ाई में लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) का चुनाव चिन्ह ‘बंगला’ फ्रीज हो गया है। चुनाव आयोग ने यह बड़ा निर्णय लिया है।

हालांकि आयोग ने यह भी कहा है कि दोनों पक्ष आपस में समस्या का हल निकालें। आयोग ने कहा कि चिराग पासवान व पशुपति कुमार पारस अपने-अपने पक्ष और चिह्न का चयन कर लें।
बता दें कि राम विलास पासवान के निधन के बाद पार्टी पर कब्जा को लेकर चाचा-भतीजा के बीच टकराव हो गया, जिसकी वजह से पार्टी में टूट हो गई। दोनों नेताओं ने खुद को लोजपा का असली मालिक बता रहे थे। इस मामले को लेकर दोनों नेताओं ने चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया।

उपचुनाव में पड़ेगा असर:
बिहार की दो विधानसभा सीट कुशेश्वरस्थान और तारापुर के लिए होने वाले उपचुनाव में दोनों नेता चुनाव चिह्न बंगला का उपयोग नहीं कर पाएंगे। दोनों नेताओं को इन दोनों सीटों पर नए नाम और नए चिह्न के साथ अपने-अपने प्रत्याशी उतारने होंगे।
बता दें कि रामविलास पासवान के निधन के बाद लोजपा के 6 सांसदों में से 5 ने चिराग पासवान के खिलाफ बगावती तेवर अपनाते हुए पशुपति कुमार पारस को संसदीय दल का नेता चुना था। इसे स्पीकर की मंजूरी भी मिल चुकी है। इसके बाद पारस गुट ने नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी का गठन करके पशुपति कुमार पारस को पार्टी का अध्यक्ष बना दिया। बावजूद इसके चुनाव आयोग से लोजपा का नाम और चुनाव चिह्न नहीं मिलना पारस गुट के लिए बड़ा झटका है। हालांकि यह झटका चिराग पासवान के लिए भी उतना ही मायने रखता है।