राष्ट्रपति को ज्ञापन देकर उत्तराखंड Uttrakhand में पत्रकारों Journalist की गिरफ्तारी मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया गया
यूपी80 न्यूज, नई दिल्ली
नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स- इंडिया NUJ-India और दिल्ली जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन Delhi Journalists association ने देश में पत्रकारों की हत्या और उत्तराखंड सहित अन्य राज्यों में पत्रकारों पर फर्जी मुकदमे बनाकर जेल भेजने के खिलाफ शनिवार को संसद के सामने प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद President Ramnath Kovind को दो ज्ञापन सौंपे गए। इसके तहत उत्तर प्रदेश Uttar Pradesh में सुरक्षा मांगने के बावजूद पुलिस की लापरवाही के कारण तीन पत्रकारों की हत्या और उत्तराखंड Uttrakhand में भ्रष्टाचार व प्रशासनिक खामियों को उजागर करने पर पत्रकारों पर राजद्रोह के मामले दर्ज कर जेल भेजने के मामलों में हस्तक्षेप का अनुरोध किया गया।
इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स से संबद्ध एनयूजे-आई के अध्यक्ष रास बिहारी की अगुवाई में निकाले गए प्रदर्शन में बड़ी संख्या में मीडियाकर्मियों ने हिस्सा लिया। उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति को दिए गए ज्ञापन में पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने की मांग की गई है। 30 अगस्त को पूरे देश में पत्रकारों के खिलाफ फर्जी मुकदमे दर्ज करने के खिलाफ ऑनलाइन धरना दिया जाएगा। दिल्ली जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश थपलियाल ने कहा कि उत्तराखंड में पत्रकारों का सरकार द्वारा उत्पीड़न किया जा रहा है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत मीडिया की आवाज दबाने में लगे हुए हैं। राज्य के वरिष्ठ पत्रकार और निजी न्यूज चैनल के मुख्य संपादक उमेश कुमार, वरिष्ठ पत्रकार राजेश शर्मा, एसपी सेमवाल व अन्य लोगों के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा दर्ज कर गैंगस्टर लगा दिया।
दिल्ली जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन के महासचिव केपी मलिक ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बदमाशों की गोलियों से मारे गए तीन पत्रकारों शलभमणि तिवारी, विक्रम जोशी व रतन सिंह ने पुलिस से हत्या होने की आशंका के कारण सुरक्षा मांगी थी। तीनों की मौत उत्तर प्रदेश में खराब कानून-व्यवस्था के कारण हुई है। प्रदर्शन में आए पत्रकारों को प्रेस काउंसल ऑफ इंडिया के सदस्य आनंद राणा, एनयूजे और डीजेए के वरिष्ठ नेता सीमा किरण, अशोक किंकर, नरेश गुप्ता आदि ने संबोधित किया और पत्रकार सुरक्षा काननू बनाने की मांग की।
साथ ही राष्ट्रपति से अपील की गई कि पत्रकारों को गलत तरीके से जेल भेजने वाली उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार पर भरोसा नहीं है। राष्ट्रपति से इन मामलों की अन्य राज्य की पुलिस से जांच कराने का अनुरोध किया गया।