विपक्ष ने योगी सरकार के इस कदम की तीखी निंदा की, जनविरोधी कदम बताया
लखनऊ, 15 अक्टूबर
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एक झटके में प्रदेश के 25 हजार होमगार्ड को बेरोजगार कर दिया है। सरकार ने इस बाबत आदेश भी जारी कर दिया है। सरकार के इस निर्णय से लगभग दो लाख लोग प्रभावित होंगे। विपक्ष ने योगी सरकार के इस फैसले की कड़ी निंदा की है।
थानों में पुलिसकर्मियों की कमी की वजह से ये होमगार्ड अब तक थानों के अलावा चौराहों पर कड़ी धूप हो अथवा कड़ाके की सर्दी, सदैव ड्यूटी करते दिख जाते थे।
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योगी सरकार की इस मामले में दलील है कि पुलिस विभाग में रिक्त पदों की वजह से कानून व्यवस्था को चुस्त करने के लिए 25 हजार होमगार्ड की तैनाती की गई थी, लेकिन न्यायालय के निर्देश (सिपाही के समान होमगार्ड को वेतन दिया जाय) के बाद होमगार्ड का एक दिन का भत्ता 500 रुपए से बढ़ाकर 672 रुपए कर दिया गया था। इसकी वजह से जिलों के बजट पर प्रभाव पड़ रहा था।
होमगार्ड की संख्या:
फिलहाल प्रदेश में 1.18 लाख होमगार्ड के पद स्वीकृत हैं। इनमें से 19 हजार पद रिक्त हैं। लेकिन बजट की समस्या की वजह से 25 हजार होमगार्ड की सेवाएं समाप्त कर दी गई है।
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विपक्ष ने जताई नाराजगी:
सुहलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने नाराजगी जताते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 25 हजार होमगार्ड्स की नौकरी छीनी, गरीबों के रोजगार के दुश्मन बन गए हैं। रोजगार देने के लिए पैसा नहीं है, लेकिन मंदिर बनाने के लिए पैसा है।
उधर, कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अनूप पटेल ने योगी सरकार के इस कदम को जनविरोधी करार दिया है। अनूप पटेल का कहना है कि योगी सरकार पूरी तरह से बेलगाम हो गई है। योगी सरकार के इस कदम से प्रदेश के लगभग 25 हजार परिवार में अंधेरा छा गया है।