पिछले 7 सालों में सबसे कम ब्याज दर
नई दिल्ली, 6 मार्च
एलआईसी के बाद अब केंद्र सरकार ने आम जनता की बुढ़ापे की लाठी प्रॉविडेंट फंड (पीएफ) पर ब्याज दर कम कर दिया है। अब आपके पीएफ पर 8.65 परसेंट से घटकार 8.50 परसेंट ब्याज दर कर दी गई है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की शीर्ष संगठन केंद्रीय न्यासी बोर्ड की बैठक में ये फैसला लिया गया है। यह जानकारी केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने दी है। नई ब्याज दर पिछले 7 सालों में सबसे कम है। सरकार के इस फैसले से 6 करोड़ मजदूरों व कर्मचारियों पर असर पड़ेगा।
बता दें कि कर्मचारी भविष्य निधि के अंतर्गत आने वाले कर्मचारियों के मूल वेतन (मूल वेतन एवं महंगाई भत्ता) का 12 परसेंट पीएफ में जाता है। इतनी ही राशि का योगदान कंपनी भी करती है। इसके अलावा केंद्र सरकार भी इसमें मूल वेतन का 1.16 परसेंट राशि जमा करती है।
वर्ष 2019-20 – 8.50 परसेंट
वर्ष 2018-19 – 8.65 परसेंट
वर्ष 2017-18 – 8.55 परसेंट
वर्ष 2016-17 – 8.65 परसेंट
वर्ष 2015-16 – 8.80 परसेंट
वर्ष 2014-15 – 8.75 परसेंट
वर्ष 2013-14 – 8.75 परसेंट
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केंद्र सरकार के इस निर्णय के खिलाफ कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता डॉ.अनूप पटेल कहते हैं कि केंद्र की मोदी सरकार न किसानों की है, न व्यापारियों की और न ही मजदूरों की। यह सरकार केवल पूंजीपतियों के लिए काम कर रही है। इसे जनसरोकार से कोई लेना-देना नहीं है। निजी क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए प्रोविडेंट फंड का प्रावधान है। लेकिन केंद्र सरकार जानबूझकर इन मजदूरों के अधिकारों का हनन कर रही है।
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