अनूप सिंह बाराबंकी
बाराबंकी जनपद कभी अफीम खेती के लिए फेमस था, परंतु आज अफीम की खेती लगभग बंद हो गई है। पिछले कुछ सालों से यहां बड़े पैमाने पर स्ट्रॉबेरी की खेती होने लगी है. इस विदेशी फल की ज्यादा डिमांड के चलते किसानों को इसकी खेती से उन्हें अच्छा मुनाफा भी हो रहा है. यही कारण है कि बाराबंकी के किसान स्ट्रॉबेरी आदि की खेती की तरफ ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं. किसानों का मानना है कि धान, गेहूं इत्यादि की फसलों में इतना मुनाफा नहीं होता. जितना स्ट्रॉबेरी की खेती करने में मुनाफा है।
जिले के एक ऐसे किसान है जिन्होंने स्ट्रॉबेरी की खेती में महारत हासिल की है. इस खेती में उन्हें लागत के हिसाब अच्छा मुनाफा होता है. बाराबंकी जिले के सहेलियां गांव के रहने वाले किसान शिवकुमार Shivkumar आधुनिक तरीके से एक बीघे से स्ट्रॉबेरी की खेती की शुरुआत की. जिसमें उन्हें अच्छा मुनाफा देखने को मिला. आज वह करीब 3 बीघे में स्ट्रॉबेरी की खेती कर रहे हैं. इस खेती से लगभग तीन से चार लाख रुपये मुनाफा प्रतिवर्ष कमा रहे हैं।
स्ट्रॉबेरी की खेती में मुनाफा अधिक:
किसान शिवकुमार ने बताया कि पहले हम धान, गेहूं आदि की खेती करते थे. उसमे अधिक मुनाफा नही हो पाता था. इसके बाद हमे स्ट्रॉबेरी की खेती के बारे में जानकारी मिली. एक बीघे में स्ट्रॉबेरी की खेती से अच्छा लाभ हुआ. इस समय करीब 3 बीघे में स्ट्रॉबेरी की खेती कर रहे हैं. स्ट्रॉबेरी की खेती में लागत 1 लाख रुपए है और मुनाफा करीब 3 से 4 लाख रुपये तक हो जाता है।
ऐसे करें स्ट्रॉबेरी की खेती
शिवकुमार ने बताया कि सामान्य तौर पर स्ट्रॉबेरी की बुवाई सितंबर और अक्टूबर में की जाती है. वहीं पॉली हाउस में खेती करने वाले किसान अन्य महीनों में भी बुवाई करते हैं. स्ट्रॉबेरी की बुवाई से पहले की तैयारी बहुत जरूरी है. स्ट्रॉबेरी की खेती दोमट मिट्टी में बेहतर होती है. हालांकि इसकी सिंचाई के लिए आपको ड्रिप तकनीक का प्रयोग करना होगा. स्ट्रॉबेरी के पौधे लगाने के 45 दिन बाद से ही फल आना शुरू हो जाते हैं और इसे तोड़कर बाजारों में बेचा जा सकता है. 3 महीने की इस फसल को कई बार बाजारों में बेचा जाता है।