हरियाणा में पास किए गए संपत्ति क्षति वसूली विधेयक का किसानों ने किया विरोध
यूपी80 न्यूज, नई दिल्ली
संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में किसानों ने होलिका दहन के दौरान कृषि कानूनों की प्रतियां जलाई। किसानों ने दिल्ली के बॉर्डर पर लगे किसानों के धरनास्थलों पर किसानों ने कृषि कानूनों को किसान व जनता विरोधी करार देते हुए होली मनाई। किसानों से इसे बुराई पर अच्छाई की जीत का चिन्ह मानते हुए कहा कि इन कानूनों को रद्द करना ही पड़ेगा व MSP पर कानून बनाना ही पड़ेगा।
हरियाणा लोक व्यवस्था में विघ्न के दौरान संपत्ति क्षति वसूली विधेयक 2021 का विरोध:
हरियाणा विधानसभा में पास किए गए विधेयक का किसान संगठनों ने विरोध किया है। किसान संगठनों ने कहा है कि इस विधेयक का उद्देश्य आंदोलन और आंदोलन करने वालों को दबाना है। किसान नेता डॉ.दर्शनपाल का कहना है कि “हरियाणा लोक व्यवस्था में विघ्न के दौरान संपत्ति क्षति वसूली विधायक 2021” के शीर्षक से पारित इस बिल में ऐसे खतरनाक प्रावधान हैं, जो निश्चित रूप से लोकतंत्र के लिए घातक सिद्ध होंगे। सयुंक्त किसान मोर्चा इस कानून की कड़ी निंदा व विरोध करता है। यह कानून इस किसान आंदोलन को खत्म करने और किसानों की जायज मांगो से भागने के लिए लाया गया है।
इसके तहत किसी भी आंदोलन के दौरान कहीं पर भी किसी भी द्वारा किए गए निजी या सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की भरपाई आंदोलन करने वालों से की जाएगी। आंदोलन की योजना बनाने, उसको प्रोत्साहित करने वाले या किसी भी रूप में सहयोग करने वालों से नुकसान की वसूली की जा सकेगी। कानून के अनुसार किसी भी अदालत को अपील सुनने का अधिकार नहीं होगा। कथित नुकसान की वसूली आंदोलनकारियों की संपत्ति जब्त करके की जा सकेगी। ऐसा कानून उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा भी बनाया जा चुका है और इसका बड़े पैमाने में दुरुपयोग हुआ है ।
स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय संयोजक योगेंद्र यादव ने इसे एक घोर तानाशाही का कदम बताया है। उन्होंने कहा है कि वर्तमान शांतिपूर्ण किसान आंदोलन के खिलाफ इसका दुरुपयोग किया जाना निश्चित है। हम इसका कड़ा विरोध करते है।