संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले 67 किसान संगठनों ने की बैठक
यूपी80 न्यूज, नई दिल्ली
कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों ने आंदोलन तेज कर दिया है। शुक्रवार को दिल्ली के सिंधू बॉर्डर पर कृषि कानूनों को खत्म करने एवं एमएसपी को कानूनी मान्यता प्रदान करने की मांग को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले 67 किसान संगठनों की बैठक हुई। बैठक में ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी के खिलाफ 8 जुलाई को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है।
संयुक्त किसान मोर्चा की घोषणा के अनुसार अलग-अलग जगहों पर भाजपा नेताओं के खिलाफ स्थानीय विरोध प्रदर्शन जारी है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष को पंजाब में ऐसे ही एक काले झंडे के विरोध का सामना करना पड़ा, जबकि हरियाणा में एक रेलवे स्टेशन पर भाजपा के एक राज्यसभा सांसद को प्रदर्शनकारियों के एक बड़े समूह द्वारा काले झंडे के विरोध का सामना करना पड़ा।
संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारी बलबीर सिंह राजेवाल, डॉ दर्शन पाल, गुरनाम सिंह चढूनी, हन्नान मोल्ला, जगजीत सिंह डल्लेवाल, जोगिंदर सिंह उगराहां, शिवकुमार शर्मा (कक्का जी), युद्धवीर सिंह, योगेंद्र यादव का कहना है कि किसान आंदोलन को बदनाम करने के लिए भाजपा व आरएसएस के लोग साजिश कर रहे हैं। इसी के तहत धरनारत किसानों पर सुनियोजित ढंग से हमला किया जा रहा है।
किसानों की शिकायत दर्ज हुई:
दो दिन पहले गाजीपुर बार्डर पर किसान संगठनों एवं भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच हुई झड़प मामले में किसान संगठनों के विरोध प्रदर्शन के बाद किसानों की शिकायत दर्ज की गई। किसान नेताओं का आरोप है कि इस मामले में भाजपा कार्यकर्ताओं की तरफ से पुलिस पहले ही 500 किसानों के खिलाफ मामला दर्ज कर चुकी थी, जिन्होंने वास्तव में एक सुनियोजित रणनीति के तहत घटनाओं को अंजाम दिया था।
किसानों की मांग:
संयुक्त किसान मोर्चा ने मांग की है कि उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद, हरियाणा के हिसार और चंडीगढ़ में शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे किसानों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लिए जाएं। ये सभी मामले झूठे हैं और भाजपा-आरएसएस सरकारों द्वारा निर्दोष किसानों को झूठे मामलों में फंसाने के लिए किया जा रहा है।