किसानों ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की
यूपी80 न्यूज, नई दिल्ली
संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर गुरुवार को किसानों ने देशभर में रेल रोको आंदोलन चलाया। आंदोलन के तहत देश के विभिन्न हिस्सों में ट्रेन रोकी गईं। हालांकि इस दौरान किसी तरह के हिंसा की कोई खबर नहीं आई। इसका सर्वाधिक असर पंजाब, हरियाणा, राजस्थान सहित विभिन्न राज्यों में देखा गया। किसानों ने हर जगह किसान आंदोलन के प्रति केंद्र सरकार के रवैये का विरोध किया।
स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने कहा कि देशभर के किसान 3 कृषि कानून, बिजली विधेयक व प्रदूषण विधेयक के खिलाफ लगभग 3 महीने से दिल्ली में आंदोलन कर रहे हैं। लेकिन केंद्र सरकार किसानों की इस गंभीर समस्या के प्रति गंभीर नहीं है।
संयुक्त किसान मोर्चा के वरिष्ठ नेता जगमोहन सिंह ने बताया कि देश के विभिन्न स्थानों पर संबोधित करते हुए, किसान-नेताओं ने लोगों से आंदोलन को मजबूत करने के लिए दिल्ली आने की अपील की। किसान नेताओं ने देश के मजदूरों, किसानों और अन्य कामगार वर्गो को साथ आकर आन्दोलन को मजबूत बनाने और किसान नेतृत्व में अपार विश्वास दिखाने के लिए लोगों का धन्यवाद किया।

कृषि कानूनों के खिलाफ सोनभद्र में प्रदर्शन:
राष्ट्रीय स्तर पर किसानों के चल रहे आंदोलन के समर्थन में सोनभद्र में विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ताओं ने जगह-जगह प्रर्दशन किया और प्रशासन को ज्ञापन सौंपा । जनपद के कलेक्टर व भारी पुलिस फोर्स की मौजूदगी में भाकपा, माकपा और माले व जनवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने वाममोर्चा के बैनर तले कृषि कानून वापस लेने, बढ़ती मंहगाई, बेरोजगारी,श्रम कानून और सार्वजनिक क्षेत्रों के हो रहे निजीकरण के सवाल को लेकर कलेक्ट्रेट गेट पर जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए सरकार की नीतियों के विरोध में जोरदार नारेबाजी की। इन संगठनों ने यह भी मांग की कि तीन साल से रोके गये गन्ने का समर्थन मूल्य तत्काल घोषित किया जाए। गन्ना किसानों के चीनी मिलों पर बकाये का भुगतान ब्याज के साथ किया जाए। विद्युत अधिनियम 2020 को रद्द किया जाए। पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस कीमतों को आधी की जाय। इस मौके पर प्रदर्शनकारी नेताओं ने एसडीएम से मुलाकात कर राष्ट्रपति एवं राज्यपाल के नाम से 11 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा।
इस मौके पर कामरेड आर के शर्मा, कामरेड नन्द लाल आर्या, कामरेड कलीम, छात्र नेत्री नजमा खातून, नौजवान सभा के दिनेश्वर वर्मा, नागेंद्र कुमार, पुरषोत्तम, प्रेम नाथ, अशोक कुमार, राजदेव, अमरनाथ सूर्य , हृदयानंद गुप्ता व शिवशंकर मिश्रा आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।