उत्तर प्रदेश विधानमंडल के इतिहास में पहली बार ऐसी घटना हुई
लखनऊ, 17 दिसंबर
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अब तक विपक्ष के हमले का सामना कर रही थी, लेकिन अब उसे अपने घर में ही अपनों की नाराजगी झेलनी पड़ रही है। योगी सरकार के कामकाज से खुद भाजपा के विधायकों में भी गहरी नाराजगी है। आलम यह है कि पार्टी के लगभग 200 विधायक मंगलवार को विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के पहले दिन अपनी ही सरकार के खिलाफ धरना पर बैठ गए। जिसकी वजह से पहले दिन की कार्यवाही स्थगित हो गई। उत्तर प्रदेश के सदन के इतिहास में पहली बार सत्ता पक्ष के विधायकों का इस तरह प्रदर्शन देखा गया।
विधानमंडल सत्र के शुरू होते ही गाजियाबाद के लोनी से भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर ने सदन में पुलिस उत्पीड़न के खिलाफ अपना पक्ष रखना चाहा, लेकिन उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया गया। इस पर भाजपा के अन्य विधायकों ने भी ऐतराज जताया। जिसकी वजह से सदन को तीन बार स्थगित करना पड़ा। नंद किशोर गुर्जर के समर्थन में सपा और कांग्रेस के विधायकों ने भी आवाज उठायी। इस दौरान विधायक नंद किशोर गुर्जर को समझाने की कोशिश की गई। लेकिन कोशिश असफल होने और विधायकों की नाराजगी को देखते हुए सदन को बुधवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
भाजपा विधायकों के साथ – साथ सपा और कांग्रेस के विधायक भी भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर के समर्थन में प्रदर्शन किया।नाराज विधायकों ने उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा और संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना को लौटा दिया। खास बात यह है कि नाराज विधायकों का साथ मंत्री सुरेश राणा ने भी दिया।