• About
  • Advertise
  • Contact
Friday, August 1, 2025
UP80
  • होम
  • यूपी
  • बिहार
  • दिल्ली
  • राजनीति
  • देश
  • विदेश
  • अन्य राज्य
No Result
View All Result
  • होम
  • यूपी
  • बिहार
  • दिल्ली
  • राजनीति
  • देश
  • विदेश
  • अन्य राज्य
No Result
View All Result
UP80
No Result
View All Result
Home बड़ी खबर

नीतीश कुमार अपने राजनीतिक जीवन के सबसे मजबूत जनादेश की ओर !

up80.online by up80.online
June 11, 2020
in बड़ी खबर, बिहार, राजनीति
0
Bihar

फिर मिले नीतीश कुमार व तेजस्वी यादव

0
SHARES
Share on FacebookShare on TwitterLinkedinWhatsappTelegramEmail

इंटेलिजेंट नीतीश कुमार बनाम साख के संकट से गुजरता विपक्ष

दुर्गेश कुमार, पटना

भारत में टीम अन्ना Anna Hazare ने कांग्रेस के करप्शन सीरिज के विरोध में आन्दोलन के लिए विजुअल इफेक्ट का सबसे पहला प्रयोग किया था। शुरुआत में कम भीड़ को झूलते हुए कैमरे से 75 डिग्री पर रखकर भीड़ को अधिक दिखाया जाता रहा। टेलीविजन पर, फेसबुक पर क्रन्तिकारी स्लोगन सुनकर युवा एकजुट होने लगे। आन्दोलन के परिणाम से सब अवगत है।

‘इण्डिया अगेंस्ट करप्शन India Against Corruption’ के उस आंदोलन के बाद विजुअल इफेक्ट का सबसे बड़ा प्रयोग प्रशांत किशोर ने नरेन्द्र मोदी के लिए किया। नकली लाल किले से भाषण, दिल्ली के कॉलेज में आधे पानी भरे शीशे के गिलास में संभावना देखने वाले नरेन्द्र मोदी की भींचती हुए मुट्ठी वाली तस्वीरें..

अखबारों के संपादकों से लायजनिंग कर कब हंसती हुई तस्वीरें लगाना है, कब रोते हुए, कब शीश झुकाते हुए.. विजुअल इफेक्ट की मदद से आडवाणी पर नरेन्द्र मोदी Narendra Modi  भारी पड़ गये। यह अलग बात है की इस विजुअल इफेक्ट को पैदा करने के लिए कितने ‘अम्बानियों, अदानियों’ की मदद ली गयी।

विजुअल इफेक्ट की अपनी सीमाएं होती है। विजुअल इफेक्ट से थोड़ी देर के लिए रोमांच लाया जा सकता है, औसत प्रयास को क्रांतिकारी जैसा एह्सास कराया जा सकता है। लेकिन जब ये विजुअल गुब्बार फूटता है तब आपको धरातल पर किये गये कामों का ही सहारा होता है। अरविन्द केजरीवाल से लेकर नरेन्द्र मोदी तक की अपनी साख थी और सामने करप्शन की सीरियल चला रही कांग्रेस थी।

Bihar
दुर्गेश कुमार, सामाजिक व राजनीतिक चिंतक

बिहार Bihar में भी विजुअल इफेक्ट का इस्तेमाल कर विपक्ष तेजस्वी यादव Tejaswi Yadav को बड़ा चेहरा बताने पर तुला हुआ है। फोटोशॉप, ट्विटर, फेसबुक, यूट्यूब का बेहतरीन प्रयोग हो रहा है। इस विजुअल इफेक्ट से समर्थक युवा उत्तेजित हो रहे है। हो हल्ला, चर्चा बिना परचा का हो रहा है।

सनद रहे कि भारत में 23 प्रतिशत लोग फेसबुक का इस्तेमाल करते है। नियमित तौर पर फेसबुक चलाने वाले यूजरों की संख्या 10 से 15 प्रतिशत ही है। फेसबुक पर सक्रिय लोग 25 से 34 वर्ष की उम्र की कैटेगरी के सबसे अधिक हैं, जो समझदार हैं, जानकार हैं, आधुनिक हैं. बिहार में ट्विटर यूजरों की संख्या आंशिक रूप से ही है।

बिहार के गाँवों-शहरों में आज भी नीतीश कुमार Nitish Kumar, लालू प्रसाद यादव, सुशील मोदी, रामविलास पासवान के अलावा कोई भी नेता राजनीतिक रूप से बहस के केंद्र में नहीं होता है। क्योंकि जेपी आंदोलन के दौर में उभरे ये नेता पूरे बिहार के प्रत्येक इलाके के लोगों से परिचित हैं।

पढ़ते रहिए www.up80.online गिरमिटिया मजदूरों के संघर्ष से पथरीला मारीशस उगल रहा है सोना

जबकि तेजस्वी, चिराग जैसे ‘नेताओं’ को उतने दौरे करने की जरुरत भी नहीं होती, जिसका एक कारण यह भी है कि सोशल मीडिया के दौर में बहुत सारे मौकों पर मोबाइल के माध्यम से ही संवेदना जता दी जाती है.
राजद में लालू प्रसाद यादव बड़े मास कम्यूनिकेटर हैं, राजनीतिक अनुभव है, लेकिन जेल में हैं।

सत्ता में एनडीए नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगा यह स्पष्ट हो चुका है। रामविलास पासवान Ram Vilas Paswan के सत्ता छोड़ कर विपक्ष के साथ जाने की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। कुला मिलकर एनडीए एकजुट है।

राजद की कमान अनुभवहीन तेजस्वी यादव के पास रहेगी। जिनकी कार्य शैली से राजद के अनुभवी नेता भी अंदरखाने नाराज रहते हैं।

तेजस्वी यादव की अनुभवहीनता तब और उजागर हो जाती है जब ये विपक्ष के नेता के रूप में बीपीएससी परीक्षा में गड़बड़ी, EWS आरक्षण के विरोध में, फर्जी टीचरों की बहाली और पैदल चलते मजदूरों के लिए आन्दोलन, अनशन जैसे राजनीतिक कार्यक्रम नहीं करते हैं।

लेकिन अमरेन्द्र पांडे जैसे विधायकों की गिरफ़्तारी के सहज मुद्दे पर असहज करने वाला अस्सी विधायकों के साथ ‘गोपालगंज मार्च’ का आयोजन कर देते है। फिर सप्ताह तक सफाई भी देना पड़ता हैं कि राजद किसी अगड़ी जाति के खिलाफ नहीं है।

काश! तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार के नीतियों पर घेरते हुए बड़े आदोलन किये होते, आराम-परस्त राजनीति छोड़कर गाँव-गाँव कांशीराम की तरह घुमे होते, तमाम वर्गों के लोगों से खुद मिलकर राजद के साथ जोड़े होते तो जनता दल यूनाईटेड को हिम्मत नहीं पड़ती राजद के 15 की याद दिलाने की।

पढ़ते रहिए www.up80.online बिहार के इन दलित नेताओं से नसीहत लें यूपी के ओबीसी नेता

लेकिन इंटेलिजेंट नीतीश बखूबी समझते है कि बिहार में उनकी पीढ़ी के अलावा और कोई लीडरशिप अभी भी उभर नहीं सकता है। गौर से देखिये, नीतीश कुमार फ्रंटफूट पर आकर बिना शोर-शराबे के अपने कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद कर रहे हैं, क्योंकि वे जानते हैं कि जिन नेताओं को वे पार्टी चलाने का जिम्मा दिए थे उनपर निर्भर रहे तो जोखिम भरी बात होगी।

सत्ता में रह कर अपनी कमियों को पहचानने में नीतीश कुमार का कोई सानी नहीं है। लोकसभा में अधिकतम अति पिछड़ा सांसद बनाकर नीतीश कुमार ने यही संदेश दिया है।

डीबीटी के माध्यम से बिहार में सीधे जनता को कैश ट्रांसफर करने का अद्भुत प्रयोग नीतीश सरकार करती रही है। इसके अलावा बकौल लालू प्रसाद यादव नीतीश के पेट में दांत है नीतीश की राजनीतिक समझ को बताता है। पूरी संभावना है कि चुनाव से पहले नीतीश कुमार राजनीतिक पिच पर जोरदार बैटिंग कर गठबंधन से लेकर विपक्ष तक को हद में डाल देंगे। जिसका सीधे वोट से सरोकार होता है।

ऐसा नहीं है कि नीतीश कुमार से पूरा बिहार संतुष्ट है। नौकरियों को लेकर, नौकरियां देने में गड़बड़ियों को लेकर, शिक्षा समेत अनेक ऐसे मुद्दे हैं जिनके कारण लोग नाराज हैं, लेकिन यह नाराजगी सत्ता के विरुद्ध लहर बन जाए इसके लिए बड़े साख वाले लीडर की जरुरत होती है।

नीतीश कुमार के खिलाफ किसी साख वाले बड़े लीडर के रूप में लालू प्रसाद यादव और रामविलास पासवान दोनों 2010 में चुनाव लड़ चुके है। तब राजद को 22 सीटें नसीब हुई थीं।

पढ़ते रहिए www.up80.online आपबीती: छातियां नोची, कटहल में छुरी चलाकर बोले,,काट लेंगे वक्ष

आगामी चुनाव मैदान में राजद के पास बड़े मास कम्यूनिकेटर लालू प्रसाद चुनावी मैदान में नहीं होंगे। रामविलास पासवान नीतीश के साथ ही होंगे।

वहीं पूरी संभावना है कि राजद से रालोसपा RLSP, कांग्रेस Congress और मुकेश सहनी की पार्टी दूर ही रहेगी। यदि एक साथ भी लड़ीं तो भी लोकसभा चुनाव के नतीजे उदाहरण के तौर पर देखे जा सकते हैं।

देश की राजनीति में नरेन्द्र मोदी बनाम राहुल गाँधी Rahul Gandhi की तरह ही बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार बनाम तेजस्वी यादव का विमर्श चल रहा है। ऐसे में नीतीश कुमार को कोई मजबूत चुनौती मिलने जा रही है, यह कतई दिखाई नहीं पड़ता है।

राजद के वोट बैंक में नीतीश कुमार, भाजपा यादव प्रत्याशी खड़ा कर सेंध लगाती है। बीते 15 सालों में राजद कभी ऐसा सेंध लगाने में सक्षम नहीं रहा है।

राजद ने अपने आधार वोट बढ़ाने के लिए एक माह पहले पार्टी में सुधार के नाम पर परम्परागत पुराने कुछ कार्यकर्ताओं को विभिन्न पदों पर बैठाया जरुर है लेकिन ऐसा करने से वोट शेयर में कोई बदलाव आएगा यह सम्भावना कम है। चूँकि नए लोगों को जोड़े बिना, अन्य समुदायों के जमीनी लोगों को बड़ी संख्या में विधायक सांसद बनाये बिना किसी पार्टी से अन्य समुदायों का जुड़ाव हो ऐसा देखा नहीं गया है।

पढ़ते रहिए www.up80.online बीजेपी विधायक ने कहा- 15000 ओबीसी अभ्यर्थियों को शिक्षक बनने से रोकने की साजिश

नीतीश अपनी जाति कुर्मी की संख्या यादव के मुकाबले कम होने के बावजूद 15 साल तक सता में रहे हैं तो सभी जातियों को अपने दल से जोड़ कर चलना एक बड़ा कारण है। जनता दल यू के नेताओं के लगने वाले पोस्टरों, रैलियों में जाते लोगों में किसी एक जाति की बहुलता नहीं देखी जा सकती है, राजद में स्थिति ठीक इसके उलट है।

इस स्थिति को बदलने के लिए राजद की और से कोई सार्थक प्रयास तक नहीं हुआ। नतीजतन नीतीश कुमार राजद के 15 साल याद दिला रहे हैं, वे जानते हैं कि 15 साल की पहचान को धूमिल करने अथवा प्रकाशित करने के लिए राजद ने कोई जन अभियान, जन संपर्क नहीं चलाया।

राजद यह कहने की स्थिति में नहीं है कि उसे 15 सालों के पुराने शासन लौटाने के नाम पर जनता वोट दे, इसलिए वो नीतीश कुमार के शासन की कमियां गिनाकर वोट लेता रहा है।

लेकिन दिलचस्प बात यह है कि नीतीश शासन के किसी भी कमी को लेकर नेता विपक्ष तेजस्वी यादव ने कोई भी जन आंदोलन अथवा अनशन तक नहीं किया है। लिहाजा तेजस्वी न परिपक्व नेता के रूप में उभर सकें न गैर यादव जातियों अथवा आम लोगों की सहानुभूति बटोर सकें। ऊपर से आरोपों की बोझ और विपक्ष के नेता की कमजोर भूमिका के कारण जनता में साख नहीं बना सकें।

साख के संकट से गुजर रहे विपक्ष से अनुभवी और इंटेलिजेंट नीतीश को कोई चुनौती मिलेगी, ऐसा प्रतीत नहीं होता है। यदि आगामी चुनाव (Bihar 2020) के बाद नीतीश कुमार अपने राजनीतिक जीवन के सबसे मजबूत जनादेश प्राप्त करें तो हैरत न करें। बिहार को विपक्ष ही ऐसा मिला है।

(लेखक दुर्गेश कुमार एक सामाजिक एवं राजनीतिक चिंतक हैं)

पढ़ते रहिए www.up80.online आर्थिक संकट में हैं देश को 40 फीसदी मक्का देने वाले बिहार के किसान

Previous Post

‘दादी-दादा गौरव सम्मान’ से नवाजे जाएंगे युवा आईएएस संजीव सिंह

Next Post

गोविंदपुर कांड के विरोध में सामाजिक संगठनों ने विधानसभा का घेराव किया

up80.online

up80.online

Related Posts

रमाशंकर राजभर
दिल्ली

संसद से लेकर सलेमपुर तक हर ओर सपा सांसद की ही चर्चा, कार्यकर्ता गदगद

July 30, 2025
IAS
अन्य राज्य

एस कृष्णनन प्रेसीडेंट व कुणाल बने आईएएस सेंट्रल एसो. के सेक्रेट्री

August 1, 2025
मिर्जापुर
दिल्ली

कारगिल युद्ध में अपना सर्वोच्च बलिदान देकर  बहादुर जवानों ने एक ही संदेश दिया- नेशन फर्स्ट

July 26, 2025
Next Post
गोविंदपुर

गोविंदपुर कांड के विरोध में सामाजिक संगठनों ने विधानसभा का घेराव किया

Govindpur

गोविंदपुर-परसठ के पीड़ितों से मिलने प्रतापगढ़ जाएंगी अनुप्रिया पटेल

patti

प्रतापगढ़ के अनुभवहीन एसपी को तत्काल हटाया जाए: अनुप्रिया पटेल

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recommended

IAS

एस कृष्णनन प्रेसीडेंट व कुणाल बने आईएएस सेंट्रल एसो. के सेक्रेट्री

5 days ago
रमाशंकर राजभर

संसद से लेकर सलेमपुर तक हर ओर सपा सांसद की ही चर्चा, कार्यकर्ता गदगद

3 days ago
बेल्थरा रोड: सफलता की राह दिखा गए प्रो. दुबे

बेल्थरा रोड: सफलता की राह दिखा गए प्रो. दुबे

2 days ago
बांसडीह

बांसडीह में महिलाओं पर लाठीचार्ज करना पड़ा भारी, सीओ का कानपुर ट्रांसफर  

7 hours ago

Categories

  • अखिलेश यादव
  • अन्य राज्य
  • तेजस्वी यादव
  • दिल्ली
  • देश
  • बड़ी खबर
  • बिहार
  • यूपी
  • यूपी विधानसभा चुनाव
  • राजद
  • राजनीति
  • विदेश
  • सपा

Topics

Akhilesh Yadav Anupriya Patel Apna Dal (S) Azamgarh Ballia Belthra Road bihar bjp BSP Congress death farmers Mirzapur Samajwadi Party Sonbhadra Uttar Pradesh Varanasi yogi govt अखिलेश यादव अनुप्रिया पटेल अपना दल (एस) आजमगढ़ उत्तर प्रदेश ओबीसी कांग्रेस किसान किसान आंदोलन केशव प्रसाद मौर्य कोरोना नीतीश कुमार पंचायत चुनाव बलिया बसपा बिहार बीजेपी बेल्थरा रोड भाजपा मायावती मिर्जापुर योगी सरकार वाराणसी सपा समाजवादी पार्टी सीएम योगी सोनभद्र

Highlights

 “जातिगत जनगणना से उजागर होगी देश की सच्ची तस्वीर” – अनुप्रिया पटेल

यमुना नदी के लिए दर-दर भिक्षा मांग रहे देवरिया के ‘लाल’ रविशंकर तिवारी

69000 शिक्षक भर्ती मामले में पीएम मोदी को पत्र लिखेंगे अखिलेश यादव

ईरान और इज़राइल में फंसे भारतीयों को सुरक्षित वापस निकाले सरकार

सबसे बड़ा गुंडा कौन-ओमप्रकाश राजभर या कोई और?

प्रदेश में “सब चंगा” नहीं है, ओबीसी छात्रों को नहीं मिल रही है छात्रवृत्ति

Trending

बांसडीह
यूपी

बांसडीह में महिलाओं पर लाठीचार्ज करना पड़ा भारी, सीओ का कानपुर ट्रांसफर  

by up80.online
August 1, 2025
0

बिजली से किशोर की मौत के बाद ग्रामीण हो गए थे आक्रोशित यूपी80 न्यूज, बलिया आखिरकार महिलाओं...

बेल्थरा रोड: सफलता की राह दिखा गए प्रो. दुबे

बेल्थरा रोड: सफलता की राह दिखा गए प्रो. दुबे

July 30, 2025
रमाशंकर राजभर

संसद से लेकर सलेमपुर तक हर ओर सपा सांसद की ही चर्चा, कार्यकर्ता गदगद

July 30, 2025
IAS

एस कृष्णनन प्रेसीडेंट व कुणाल बने आईएएस सेंट्रल एसो. के सेक्रेट्री

August 1, 2025
मिर्जापुर

कारगिल युद्ध में अपना सर्वोच्च बलिदान देकर  बहादुर जवानों ने एक ही संदेश दिया- नेशन फर्स्ट

July 26, 2025

About Us

लोकतांत्रिक देश में मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ कहा जाता है। मीडिया का मुख्य कार्य जनसरोकार से जुड़ी खबरों को आम जनता तक पहुंचाना है, ताकि आम जनता उन योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठा सके। इसके अलावा सरकार की किसी भी योजना का आम जनता को कितना लाभ मिल रहा है, उसके जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्र में आम जनता की समस्याओं का निराकरण कैसे करते हैं। लोकतंत्रिक देश में जनप्रतिनिधि अपनी जनता की अपेक्षाओं पर कितना खरा उतरते हैं। ये सभी जानकारी आपको www.up80.online पर मिलेंगी।

Follow us on social media:

Trending

बांसडीह में महिलाओं पर लाठीचार्ज करना पड़ा भारी, सीओ का कानपुर ट्रांसफर  

बेल्थरा रोड: सफलता की राह दिखा गए प्रो. दुबे

संसद से लेकर सलेमपुर तक हर ओर सपा सांसद की ही चर्चा, कार्यकर्ता गदगद

एस कृष्णनन प्रेसीडेंट व कुणाल बने आईएएस सेंट्रल एसो. के सेक्रेट्री

कारगिल युद्ध में अपना सर्वोच्च बलिदान देकर  बहादुर जवानों ने एक ही संदेश दिया- नेशन फर्स्ट

डॉ. कलाम की पुण्यतिथि पर प्रदेश के मदरसों में विज्ञान प्रदर्शनी

Others Links

  • Contact
  • About Us
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions
  • About
  • Advertise
  • Contact

Copyright © 2019 up80.online

error: Content is protected !!
No Result
View All Result
  • Home
  • देश
  • राजनीति
  • विदेश
  • बिहार
  • यूपी
  • वीडियो
  • दिल्ली

Copyright © 2019 up80.online