महान समाज सुधारक संत स्वामी शिवनारायण जी की तपोभूमि ससना बहादुरपुर में “भारतीय संस्कृति में अध्यात्म व दर्शन का महत्व” विषय पर संगोष्ठी का आयोजन
यूपी80 न्यूज, बलिया
“जो समाज अपनी जड़ व संस्कृति से कट जाए उसका अस्तित्व समाप्त हो जाता है।” जनपद के बिल्थरारोड तहसील क्षेत्र के ससना बहादुरपुर स्थित देवेन्द्र होम्योपैथिक एवं फार्मेसी कालेज के प्रांगण में शुक्रवार को आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में डॉ जैनेंद्र पांडेय ने यह विचार व्यक्त किया। इसके पूर्व मुख्य अतिथि रसड़ा के नाथ मठ के महन्त कौशलेन्द्र गिरि महाराज ने द्वीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किया।
उत्तरी भारत की संत परंपरा में महान समाज सुधारक संत कवि स्वामी शिवनारायण जी के पावन पवित्र तपोभूमि ससना बहादुरपुर में स्वामी शिवनारायण जी तपोभूमि सेवा संस्थान के तत्वावधान में आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय के पीआरओ डॉ जैनेंद्र पाण्डेय ने सत्य, संस्कृति में अध्यात्म और दर्शन नामक विषय पर विस्तृत व्याख्यान दिया।
मुख्य वक्ता के रूप में राष्ट्रीय वक्ता डॉ विद्यासागर उपाध्याय ने जीवन के 9 दर्शन, तीन नास्तिक कथा छह आस्तिक का बहुत ही प्रभावशाली चित्रण किया। इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में प्रदेश के मशहूर गीतकार और साहित्यकार भोजपुरी साहित्य सम्मान भिखारी ठाकुर पुरस्कार, साहित्य सम्मान राहुल सांकृत्यायन साहित्य सम्मान से सम्मानित बृज मोहन प्रसाद अनारी ने अपनी रचनाओं से बहुत ही मार्मिक प्रभाव का वर्णन किया।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में पूर्वांचल के मशहूर लेखक मनोज सिंह ने चरित्र कथा संस्कार पर अपनी विस्तृत व्याख्या दी तो वहीं दूसरी तरफ भोजपुरी के बड़े ही मशहूर भजन गायक अरविंद उपाध्याय ने शास्त्रीय संगीत के माध्यम से कार्यक्रम में समां बांधे रखा। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्वांचल के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ जनार्दन राय व संचालन राष्ट्रीय संगोष्ठी के आयोजक कल्याण सिंह ने किया।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से संरक्षक डॉ सुरेंद्र सिंह पूर्व प्रतिरक्षण अधिकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सीयर, संस्थान के अध्यक्ष हरि मोहन सिंह, जगदीश सिंह, दुर्विजय सिंह, बृजभान राजभर, मुनीम, नंदू यादव, रितेश सिंह, बैजनाथ मौर्य, डॉक्टर भूपेंद्र सिंह, विजय प्रताप सिंह, जितेंद्र यादव सहित तमाम क्षेत्रवासी तथा जनपद के सामाजिक संगठनों के लोगों ने सहभागिता किया। कार्यक्रम के अंत में आयोजक मंडल के पदाधिकारियों ने मुख्य वक्ताओं तथा सामाजिक संगठन के क्षेत्रों में कार्य करने वाले सभी लोगों को स्मृति चिन्ह तथा अंगवस्त्रम से सम्मानित किया।