ग्रामीण बोले – नो-एंट्री लागू होती तो बच जाती दो ज़िंदगियाँ
यूपी 80 न्यूज़, बलिया
बलिया जनपद में दशहरा मेले की रौनक उस वक्त मातम में बदल गई, जब बैरिया थाना क्षेत्र के एनएच-31 पर डंपर की टक्कर से स्कूटी सवार मौसेरे भाई-बहन की मौत हो गई। इस दर्दनाक हादसे ने न सिर्फ परिजनों को गहरे सदमे में डाल दिया, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही पर भी बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।
ग्रामीणों का आरोप है कि हर साल दशहरा मेले के दौरान भारी वाहनों की नो-एंट्री की व्यवस्था नहीं होती, जिससे हादसे होते हैं। बुधवार की रात भी यही लापरवाही दो मासूम जिंदगियों को लील गई।
मृतकों की पहचान भोजपुर (बिहार) के खवासपुर निवासी रितिक यादव (15) और बैरिया क्षेत्र के फकरू टोला निवासी निशा यादव (20) के रूप में हुई। दोनों रिश्ते में मौसेरे भाई-बहन थे और दशहरा मेला देखकर लौट रहे थे। रेवती से घर लौटते समय मांझी की ओर से आ रहे तेज रफ्तार डंपर ने उन्हें रौंद दिया।
हादसे के बाद किशोर की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि युवती ने इलाज के लिए ले जाते समय दम तोड़ दिया। घटना के बाद चालक फरार हो गया।
आक्रोशित ग्रामीणों ने डंपर को कब्जे में लेकर एनएच-31 पर जाम लगा दिया। जाम के कारण दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। लोग मृतकों के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपये मुआवजा देने और डंपर मालिक की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे।
हालांकि मौके पर एसडीएम आलोक प्रताप सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक कृपाशंकर, क्षेत्राधिकारी मोहम्मद फहीम कुरैशी समेत कई अधिकारी पहुंचे और ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की। लेकिन गुस्साए लोगों का आरोप था कि त्योहार पर जब लाखों की भीड़ जुटती है, तब भी पुलिस-प्रशासन केवल दर्शक बना रहता है।
इस दर्दनाक घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि त्योहारों पर सुरक्षा और ट्रैफिक प्रबंधन में लापरवाही बरती जाती है, जिसकी कीमत आम लोगों को अपनी जान देकर चुकानी पड़ती है।