अपना दल (एस) ने ‘सामाजिक न्याय दिवस’ के तौर पर बीपी मंडल की जयंती लखनऊ सहित पूरे प्रदेश में मनायी
लखनऊ, 25 अगस्त
“श्रद्धेय बीपी मंडल जी की सिफारिशों ने वंचितों को मुख्यधारा में लाने में ऐतिहासिक परिवर्तन का काम किया। इसलिए उन्हें पिछड़ों का नायक कहा जाता है।” बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भारत सरकार द्वारा गठित दूसरा पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष रहे बीपी मंडल जी की अपना दल (एस) के कैम्प कार्यालय में आयोजित जयंती समारोह के अवसर पर अपना दल (एस) के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग वित्त विकास निगम के सदस्य ओपी कटियार ने यह विचार व्यक्त किया। अपना दल (एस) के पदाधिकारियों ने बीपी मंडल की जयंती को ‘सामाजिक न्याय दिवस’ के तौर पर पूरे प्रदेश में मनाया।
इस अवसर पर पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आरबी सिंह ने कहा कि बिंदेश्वरी प्रसाद मंडल जी की सिफारिशें लागू होने के बाद ही बिहार और उत्तर प्रदेश समेत देश के कई राज्यों से पिछड़ी जातियों के नेता आगे आने लगे। इसे भारतीय राजनीति में मूक क्रांति का दौर भी कहा गया, यानी चुपचाप क्रांति होना।
पार्टी के वरिष्ठ नेता केके पटेल ने कहा कि बीपी मंडल जी छात्र जीवन से समाज में फैली रूढ़िवाद एवं ऊंच-नीच के खिलाफ मुखर होकर आवाज उठाने लगे थे। उन्होंने 1965 में पिछड़ी जातियों के खिलाफ पुलिसिया अत्याचार को लेकर कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। पिछड़ा वर्ग आयोग का अध्यक्ष बनने के बाद बीपी मंडल जी ने सबसे पहले पूरे देश का भ्रमण किया और पिछड़ों की वास्तविक स्थिति का अध्ययन किया। उन्होंने पिछड़ी जातियों की पहचान करते हुए उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने की सिफारिश की। इस सिफारिश के लागू होने के बाद देश की राजनीति में क्रांतिकारी बदलाव हुआ। हालांकि अब तक मंडल आयोग की केवल दो सिफारिशें ही लागू हुईं। समारोह में उपस्थित पदाधिकारियों ने मांग की कि आयोग की अन्य सिफारिशों को भी लागू किया जाए।
इस मौके पर दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री रामलखन पटेल, राष्ट्रीय सचिव (कार्यालय) मुन्नर प्रजापति, राष्ट्रीय सचिव विनोद गंगवार, विधि मंच के प्रदेश महासचिव नंद किशोर पटेल, वरिष्ठ पदाधिकारी हौशला पटेल, जिलाध्यक्ष शैलेंद्र सिंह पटेल पोनू, वरिष्ठ पदाधिकारी संजय सिंह पगार, एडवोकेट ज्योति यादव सहित कई पदाधिकारी उपस्थित थे।