बसपा उम्मीदवार रणजीत पटेल को एकमात्र अपना दल (एस) का उम्मीदवार ही दे सकता है टक्कर
लखनऊ, 2 सितंबर
बहुजन समाज पार्टी ने प्रतापगढ़ सदर विधानसभा से पूर्व पीसीएस अधिकारी रणजीत पटेल को चुनाव मैदान में उतारा है। पटेल बाहुल्य इस सीट पर बसपा द्वारा पटेल समाज के जमीनी व्यक्ति को प्रत्याशी बनाए जाने पर यहां राजनैतिक समीकरण तेजी से बदलने लगा है। कल तक यहां पर अपनी दावेदारी कर रही भाजपा के सामने अब इसे सहयोगी पार्टी अपना दल (एस) को देना मजबूरी हो गई है।
बता दें कि प्रतापगढ़ एक सामंतवादी जिला है। यहां पर एक मात्र पार्टी अपना दल (एस) ने सामंतवाद को टक्कर देने में सफल हुई। पार्टी ने यहां पर 2014 के संसदीय चुनाव में जीत भी हासिल की। इसके अलावा विधानसभा चुनाव 2017 में यहां के दो विधानसभा सीटों पर भी कब्जा की। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में अपना दल (एस) के विधायक संगम लाल गुप्ता ने भाजपा के चुनाव चिन्ह् पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। संगल लाल गुप्ता के सांसद बनने के बाद यह सीट रिक्त हो गई है। उत्तर प्रदेश में 13 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में यह सीट भी शामिल है।
यह भी पढ़िये: लालजी वर्मा की बेटी डॉ.छाया वर्मा जलालपुर से चुनाव लड़ेंगी
दोनों पार्टियों के रिश्ते तल्ख :
लेकिन 2019 लोकसभा चुनाव के बाद दोनों पार्टियों के रिश्ते तल्ख हो गए हैं। मिर्जापुर संसदीय क्षेत्र से भारी मतों से जीत हासिल करने के बावजूद अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल को मोदी कैबिनेट में शामिल नहीं किया गया और न ही योगी कैबिनेट के विस्तार में अपना दल (एस) के कार्यवाहक राष्ट्रीय अध्यक्ष आशीष पटेल को शामिल किया गया। सहयोगी दल के इन दोनों नेताओं के भाजपा सरकार में शामिल न किए जाने से अपना दल (एस) के कार्यकत्र्ताओं में गहरी नाराजगी है।
नाराजगी का आलम यह है कि यदि प्रतापगढ़ सदर सीट अपना दल (एस) को नहीं मिलती है, तो यहां पर भाजपा की करारी हार हो सकती है। यहां के पटेल मतदाता एकजुट होकर बसपा प्रत्याशी के पक्ष में जा सकते हैं, जिसकी वजह से भाजपा की चुनावी गणित बिगड़ सकती है। ऐसे में केंद्र और प्रदेश में बहुमत के बावजूद भाजपा अपनी सहयोगी पार्टी अपना दल (एस) को नजरअंदाज नहीं कर सकती है।
यह भी पढ़िये: सामाजिक एवं आर्थिक बदलाव की चाभी है आपका वोट: अनुप्रिया पटेल
रणजीत पटेल की पत्नी बसपा विधायक हैं:
प्रतापगढ़ सदर के बसपा प्रत्याशी रणजीत पटेल मूलत: जौनपुर के रहने वाले हैं। उनकी पत्नी सुषमा पटेल जौनपुर के मुंगरा बादशाहपुर से बसपा की विधायक हैं। सुषमा पटेल की छवि साफ एवं तेज-तर्रार महिला की है। क्षेत्र में लोकल समस्याओं एवं निचले तबके के अधिकारों के लिए सुषमा पटेल आए दिन प्रशासन के खिलाफ आवाज उठाती हैं। चूंकि प्रतापगढ़ और जौनपुर दोनों जिला सटे हुए हैं। ऐसे में सुषमा पटेल प्रतापगढ़ के निचले तबके में भी लोकप्रिय हैं।
अत: इन सभी परिस्थितियों को देखते हुए अब भाजपा की मजबूरी है कि यह सीट अपना दल (एस) के खाते में दे दी जाय। वैसे भी फिलहाल उत्तर प्रदेश में अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल के कद का कोई पटेल नेता नहीं है।
यह भी पढ़िये: सपा के बाद अब राष्ट्रीय लोक दल ने भी भंग की प्रदेश इकाई