10 साल पहले केबीसी में 5 करोड़ जीतने वाले सुशील कुमार की नई पहचान है ‘द चंपा मैन’
बलिराम सिंह, पटना
कौन बनेगा करोड़पति (केबीसी) विजेता सुशील कुमार को ‘बिहार शौर्य सम्मान’ से सम्मानित किया जाएगा। केबीसी में 10 साल पहले 5 करोड़ रुपए का ईनाम जीतने वाले बिहार के चंपारण निवासी सुशील कुमार अब ‘चंपा मैन’ के नाम से लोकप्रिय हो चुके हैं। पिछले 10 सालों में उन्होंने सामाजिक एवं पर्यावरण संरक्षण को लेकर अनेक महत्वपूर्ण कार्य किया है। सामाजिक एवं पर्यावरण संरक्षण को लेकर उनके द्वारा किए गए कार्यों को देखते हुए उन्हें ‘बिहार शौर्य सम्मान’ से नवाजा जाएगा।
सुशील कुमार के सामाजिक कार्य:
100 महादलित बच्चों को गोद लिया:
सुशील कुमार ने मोतिहारी के कोटवा प्रखंड के मछरगावा मरघटिया चौक महादलित बस्ती के 100 बच्चों को गोद लिया हैं। इन बच्चों की पढ़ाई का खर्च खुद सुशील कुमार वहन करते हैं।
70 हजार से अधिक चम्पा के पौधे लगवाए:
चंपारण की मुख्य पहचान है चंपा के फूल। विलुप्त हो रहे चंपा के फूलों के संरक्षण के लिए सुशील कुमार ने चम्पा से चंपारण अभियान की शुरूआत की और इस अभियान के तहत अब तक उन्होंने 70 हजार से अधिक चम्पा के पौधे लगवा चुके हैं।
400 से अधिक पीपल के पौधे लगवाए:
सुशील कुमार ने पीपल-बरगद पौधारोपण अभियान चलकार लगभग 400 से अधिक पीपल के पौधे लगवा चुके हैं। इन पौधों की देखभाल के लिए वह प्रतिमाह इन पौधों की मासिक हाजिरी भी लगवाते हैं और यदि कोई पौधा सूख जाता है तो उसकी जगह नए पौधे लगवाते हैं।
गौरैया संरक्षण:
आंगन की चिड़िया कही जाने वाली गौरैया की सुरक्षा के लिए सुशील कुमार ने 2019 में ‘सेव स्पैरो’ नाम से गौरैया संरक्षण अभियान चलाया। इसके तहत उन्होंने अब तक 5 हजार से अधिक गौरैया का घोंसला मुफ्त में वितरित कर चुके हैं। इन घोंसलों को सुशील कुमार खुद अपनी स्कूटी पर रखकर रोजाना लोगों के घर जाते हैं और उन्हें खुद हथौड़ी से कील ठोक कर लगाते हैं।
मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता अभियान:
लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिए सुशील कुमार ने मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता अभियान शुरू की है। इस अभियान के तहत शहर के सुप्रसिद्ध साइकेट्रिस्ट डॉक्टर, मनोवैज्ञानिक, काउंसलर और मनोविज्ञान के प्रोफेसर भी शामिल होते हैं।
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