हाईकोर्ट का अंतिम फैसला आने के बाद ही आगे की प्रक्रिया शुरू होगी
यूपी80 न्यूज, लखनऊ
उत्तर प्रदेश में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में आरक्षण की व्यवस्था की अंतिम सूची जारी होने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने फिलहाल रोक लगा दी है। अदालत ने आरक्षण व आवंटन कारवाई पर रोक लगाने के साथ ही सोमवार, 15 मार्च को इस मामले में राज्य सरकार और चुनाव आयोग से जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। कोर्ट के आदेश का अनुपालन करते हुए अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर फिलहाल आरक्षण की अग्रिम प्रक्रिया को रोकने का आदेश जारी किया है।
याचिकाकर्ता ने अदालत में कहा है कि जिला एवं क्षेत्र पंचायत चुनावों में आरक्षण की रोटेशन व्यवस्था के लिए 1995 को आधार वर्ष मान कर उसी आधार पर आरक्षण की व्यवस्था की जा रही है। जबकि राज्य सरकार ने 16 सितबर 2015 को एक शासनादेश जारी कर बेस वर्ष 2015 कर दिया था और उसी आधार पर पिछले चुनाव में आरक्षण भी किया गया था। लेकिन राज्य सरकार इस बार मनमाने ढंग से 1995 को आधार वर्ष मानकर आरक्षण की प्रक्रिया पूरी कर रही है।
बता दें कि इस बार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए चक्रानुक्रम फॉर्मूले के तहत सीटें आरक्षित की जा रही थी। इसके तहत पिछले 5 चुनावों में जो सीटें आरक्षित नहीं हुईं, उनको प्राथमिकता के आधार पर पहले आरक्षित किया जाना था। प्रदेश सरकार ने आरक्षित सीटों की सूची जारी कर दी थी और इस बाबत लोगों की आपत्तियां भी आ गई थी और इन आपत्तियों के निस्तारण का भी कार्य पूर्ण हो गया था। और अब प्रदेशवासियों को 16 मार्च को आरक्षित सीटों की अंतिम सूची का इंतजार था। लेकिन शुक्रवार को हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब अंतिम फैसला तक इस प्रक्रिया पर फिलहाल रोक लग गई है।