उचित मुआवजे को लेकर कई बार धरना-प्रदर्शन कर चुके हैं किसान, केंद्र सरकार ने 400 करोड़ की दी संस्तुति
धर्मेंद्र चौधरी, महाराजगंज
भारत-नेपाल की सीमा सौनौली बॉर्डर पर प्रस्तावित इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट निर्माण को लेकर प्रशासन सक्रिय हो गया है। किसानों की असंतोष को दूर करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों ने बुधवार को किसानों संग बैठक की, ताकि भूमि अधिग्रहण का कार्य जल्द से जल्द पूरा होने के बाद चेक पोस्ट का निर्माण शुरू हो सके।
बुधवार को अपर आयुक्त प्रशासन अजय कांत व अपर आयुक्त न्यायिक रतिभान वर्मा नौतनवा तहसील सभागार पहुंचे। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत दोनों अधिकारियों ने किसानों संग बैठक की।
400 करोड़ की संस्तुति:
केंद्र सरकार ने इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट निर्माण के लिए करीब 400 करोड़ की संस्तुति दे दी है। अब राज्य सरकार को सिर्फ भूमि अधिग्रहण की प्रकिया पूर्ण करनी है। तत्पश्चात चेक पोस्ट निर्माण शुरू हो जाएगा।
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क्या है पूरा मामला:
वर्ष 2004 में सौनौली के पास इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट निर्माण का प्रस्ताव पास हुआ। चेक पोस्ट के निर्माण में 293 किसानों की 112 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जाना सुनिश्चित हुआ। जिसमें जुगौली गांव के 29 किसानों की 15 एकड़, सुकरौली गांव के 184 किसानों की 53 एकड़ तथा अराजी सरकार उर्फ केवटलिया के 80 किसानों की 43 एकड़ भूमि चिहित की गई है। राजस्व विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट निर्माण में भूमि का सर्किल मूल्य 41.50 लाख प्रति हेक्टेयर है। किसान एक करोड़ पांच लाख की मांग कर रहे हैं। जबकि सरकार उन्हें 84 लाख रुपये देने को तैयार है। उचित मुआवजा की मांग को लेकर किसान कई बार धरना-प्रदर्शन कर चुके हैं।
यह बोले जिलाधिकारी डॉ. उज्ज्वल कुमार:
इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट के निर्माण का उद्देश्य यह है कि एक ही छत के नीचे सभी समस्याओं का समाधान किया जा सके। जिसमें सभी सरकारी विभाग (कस्टम, इमीग्रेशन, व्यापार कर, पर्यटन, पुलिस चौकी, सुरक्षा एजेंसियां आदि) एक छत के नीचे काम करेंगे। भूमि अधिग्रहण के संबंध में किसानों से बात चल रही है।
बैठक में शामिल किसान:
बैठक में मौजूद किसान बैजू यादव, दिलशाद, प्रेम सिंह, कनक विहारी सिंह, बीरेंद्र यादव, शिव कुमार, पप्पू सिंह, पिंकू सिंह, रामप्रीत, रामअचल, रामआसरे, दीपनारायन, रामनारायन आदि किसानों ने अपनी समस्या बताई। उनका कहना था कि उन्हें अपनी अधिग्रहित होने वाली भूमि का चार गुना मुआवजा चाहिए। जबकि प्रशासन उन्हें सर्किल रेट से मात्र दो गुना मुआवजा देने की बात कह रही है। बैठक में दोनों अधिकारियों ने किसानों की समस्या निस्तारण का आश्वासन दिया। इस अवसर पर नौतनवा एसडीएम प्रमोद कुमार, अपर एसडीएम अविनाश कुमार, एनएचआई महाप्रबंधक सीएम द्विवेदी व उपप्रबंधक जय प्रताप सिंह आदि मौजूद रहे।