309 पदों में से ओबीसी कोटा के तहत महज 31 अभ्यर्थियों का हुआ था चयन
यूपी80 न्यूज, प्रयागराज
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने खंड शिक्षा अधिकारी भर्ती में आरक्षण लागू करने में अनियमितता को लेकर दाखिल याचिका मामले में उत्तर प्रदेश सरकार व उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग से जवाब तलब किया है। बता दें कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा जारी खंड शिक्षा अधिकारी के परिणाम में अनियमितता को लेकर अभ्यर्थी अशोक कुमार सिंह व अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यार्थियों ने 3 फरवरी को इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी और 30 जनवरी 2021 को जारी चयन सूची रद्द करने की मांग की गई थी।
अधिवक्ता मुस्तकीम अहमद एवं सहायक अधिवक्ता राजेंद्र सिंह यादव व अंकिता सिंह के अनुसार पक्षकारों की बहस सुनने के बाद कोर्ट ने चार सप्ताह में आयोग को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
बता दें कि छह दिसंबर 2020 को मुख्य परीक्षा में 4182 अभ्यर्थियों ने भाग लिया और 30 जनवरी 2021 को अंतिम परिणाम जारी कर दी गई। लेकिन इसमें अन्य पिछड़ा वर्ग के केवल 31 अभ्यर्थियों को ही शामिल किया गया, जबकि 309 पदों में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण के अनुसार 84 ओबीसी अभ्यर्थियों को चयन सूची में शामिल किया जाना चाहिए।
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ओबीसी अधिकार मंच के संयोजक धनंजय सिंह पटेल कहते हैं कि नियमानुसार ईडब्ल्यूएस के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है और ओबीसी वर्ग के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण है। इसके विपरीत खंड शिक्षा अधिकारी के 309 पदों में से ईडब्ल्यूएस कोटे के तहत 56 लोगों का सेलेक्शन किया गया है, जबकि ओबीसी कोटा के तहत महज 31 अभ्यार्थियों का चयन किया गया है। इस मामले में ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। उच्च न्यायालय ने इस मामले में प्रदेश सरकार व आयोग से जवाब तलब किया है।
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