केरल में 16 सब्जियों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी MSP) तय, 1 नवंबर से लागू होगा नियम
यूपी80 न्यूज, नई दिल्ली/रांची
केरल Kerala के बाद अब झारखंड सरकार Jharkhand Govt भी सब्जियों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी MSP ) तय करेगी। ताकि किसानों Farmers को उनकी फसल का वाजिब मूल्य मिल सके और उन्हें बिचौलियों से राहत मिल सके। राज्य सरकार ने इस बाबत एक कमेटी के गठन को मंजूरी दे दी है।
कृषि विभाग के विशेष सचिव की अध्यक्षता में गठित होने वाली यह समिति केरल, कर्नाटक सहित अन्य राज्यों के ड्राफ्ट का अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगी। इस रिपोर्ट के आधार पर ही सब्जियों की एमएसपी MSP निर्धारित की जाएगी।
35 कोल्ड स्टोरेज का हो रहा है निर्माण:
सब्जियों की एमएसपी निर्धारित करने से पूर्व झारखंड की हेमंत सोरेन Hemant Soren सरकार सब्जियों के रखरखाव के लिए बड़े पैमाने पर कोल्ड स्टोरेज की भी व्यवस्था कर रही है। झारखंड सरकार हर ब्लॉक में कोल्ड स्टोरेज स्थापित करने की योजना बना रही है। पिछले साल 35 कोल्ड स्टोरेज के निर्माण की मंजूरी दी गई, जिस पर तेजी से काम चल रहा है। इस साल 5 हजार मीट्रिक टन से अधिक की क्षमता के तीन कोल्ड स्टोरेज के निर्माण को मंजूरी दी गई है।
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3 लाख हेक्टेयर में होती है सब्जी की खेती:
झारखंड में 3 लाख हेक्टेयर से अधिक जमीन पर सब्जियों की खेती की जाती है। हालांकि फिलहाल राज्य में सब्जियों की उत्पादकता 14.21 टन प्रति हेक्टेयर है, जो कि राष्ट्रीय औसत 17.3 टन प्रति हेक्टेयर से कुछ कम है। सरकार 2024 तक 16.57 टन प्रति हेक्टयर सब्जियों की उत्पादकता का लक्ष्य रखा है।
केरल में 16 सब्जियों पर एमएसपी तय:
उधर, केरल सरकार 21 खाने-पीने की चीजों के लिए एमएसपी तय किया है। इनमें 16 किस्म की सब्जियां भी शामिल हैं। यह व्यवस्था 1 नवंबर से लागू होगी। इस योजना के तहत केरल सरकार 1 हजार स्टोर भी खोलेगी। राज्य में केला 30 रुपए, अनानास 15 रुपए प्रति किलो, टमाटर का 8 रुपए प्रति किलो एमएसपी तय किया गया है। इसके अलावा जेली, साबूदाना जैसी फसलों की बेस प्राइस 12 रुपए प्रति किलो तय की गई है।
जय किसान आंदोलन के राष्ट्रीय संयोजक अविक साहा कहते हैं,
“केरल और झारखंड सरकार का यह कदम सराहनीय है। अन्य राज्य सरकारों को भी किसानों के बेहतर जीवन के लिए इस तरह का कदम तत्काल उठाना चाहिए। देश के हर किसान को हर फसल के लिए एमएसपी का अधिकार है। पिछले 70 सालों से किसानों को एमएसपी नहीं मिला। कुछ फसलों पर मिलता है और अधिकांश फसलों पर नहीं मिलता है, जिसकी वजह से किसान कृषि से मुंह मोड़ रहे हैं। हर सरकार को एमएसपी की घोषणा और उसे दिलाने का प्रबंध करना चाहिए। ”
भारतीय किसान यूनियन के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने केरल व झारखंड सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि दोनों राज्यों के इस पहल से किसानों को काफी राहत मिलेगी।
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