दादरी Dadari में चाय की दुकान चलाने वाले पिता ने मर्डर करार दिया तो पुलिस दुर्घटना बता रही है
यूपी80 न्यूज, नोएडा
नोएडा के एक चाय वाले की बेटी सुदीक्षा भाटी Sudiksha Bhati ने 2 साल पहले अमेरिका US में 3.8 करोड़ का स्कॉलरशिप scholarship हासिल की। सुदीक्षा की इस सफलता से माता-पिता, गांव, समाज, उत्तर प्रदेश सहित देशवासियों को गर्व हुआ। लेकिन आज मनचलों की वजह से सुदीक्षा भाटी Sudiksha Bhati हम सभी को हमेशा के लिए छोड़कर चली गई। सुदीक्षा भाटी Sudiskha Bhati की बाइक से गिर कर मौत हो गई। सुदीक्षा की मौत की खबर से हर कोई दु:खी है। हालांकि पुलिस इस इसे दुर्घटना करार दे रही है। लेकिन सुदीक्षा के पिता जितेंद्र भाटी ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में इसे मर्डर करार दिया है।
सुदीक्षा के पिता ने इस मामले में मनचलों eve teaser को पकड़ने की मांग की है। ताकि भविष्य में इस तरह की दोबारा घटना ना घटे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पोस्टमार्टम के बाद बेटी के मृत शरीर को घर तक लाने के लिए एंबुलेंस तक मुहैया नहीं कराई गई।
परिजनों का कहना है कि सुदीक्षा अपने चाचा के साथ बाइक से घर आ रही थी। बुलंदशहर में कुछ मनचले लड़के उसे छेड़ रहे थे। उनसे बचने के लिए जैसे ही चाचा ने ब्रेक मारी उनकी बाइक का एक्सीडेंट हो गया, जिसमें सुदीक्षा की मौत हो गई। उसके चाचा का इलाज चल रहा है।
कौन थी सुदीक्षा भाटी:
नोएडा के दादरी क्षेत्र में एक साधारण गुर्जर परिवार में पैदा हुई सुदीक्षा भाटी को 2 साल पहले 2018 में स्कॉलरशिप मिली थी। सुदीक्षा अमेरिका के बॉबसन कॉलेज से पढ़ाई कर रही थी। उसे 3.8 करोड़ की स्कॉलरशिप मिली थी। कोरोना संक्रमण की वजह से वह जून में अमेरिका से घर आई थी, उसे इसी महीने 20 अगस्त कोअमेरिका जाना था।
उसके पिता जितेंद्र भाटी धूम मानिकपुर गांव में ही चाय की दुकान चलाते हैं। सुदीक्षा के पिता बेहद कम पढ़े-लिखे हैं एवं उसकी मां गीता भाटी घरेलू महिला हैं। बेटी की मौत से उसके माता-पिता बुरी तरह से टूट गए हैं।
ऐसे हुआ था चयन:
शिव नाडर फाउंडेशन द्वारा बुलंदशहर में विद्याज्ञान लीडरशिप एकेडमी का संचालन किया जाता है, जहां गरीब बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा दी जाती है। वर्ष 2011 में यहां पर सुदीक्षा का चयन हुआ था। 2018 में सुदीक्षा ने 12वीं में 98 परसेंट अंक (CBSE) प्राप्त किए थे। उसने जिला भी टॉप किया था। स्कूल की तरफ से स्कॉलरशिप के लिए अमेरिका में आवेदन किया गया था। जहां से उसे स्कॉलरशिप दी गई थी। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी सुदीक्षा को सम्मानित किया था। उसने पांचवीं तक गांव से ही पढ़ाई की थी।