सिविल सर्विसेज एक्जाम 2019 रिजल्ट में 98 कैंडिडेट की रिजर्व लिस्ट को लेकर मचा है बवाल
यूपी80 न्यूज, पटना
सामाजिक न्याय Social Justice के गर्भ से निकली उत्तर प्रदेश की राजनीतिक पार्टियां सपा SP और बसपा BSP फिलहाल ब्राह्मणों को अपने पाले में करने के लिए परशुराम की प्रतिमा स्थापित करने के लिए एक दूसरे से प्रतियोगिता कर रही हैं, लेकिन वहीं दूसरी ओर इसी गर्भ से बिहार में पैदा हुईं राजनीतिक पार्टियां पिछड़ों के हक के लिए लगातार आवाज उठा रही हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं आरएलएसपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा Upendra Kushwaha ने बीते मंगलवार को जारी किए गए सिविल सर्विसेज एक्जाम CSE2019 के रिजल्ट में 98 कैंडिडेट की रिजर्व लिस्ट मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार NitishKumar से हस्तक्षेप करने की मांग की है। ताकि केंद्र सरकार इस मामले में सही जानकारी दे।
बता दें कि पिछले सप्ताह सिविल सर्विस एक्जाम 2019 का रिजल्ट आने के बाद प्रो.दिलीप मंडल ने आरोप लगाया,
“केंद्र सरकार ने 927 सिविल सर्विस अफसरों के विज्ञापन निकाले। लेकिन रिजल्ट आया 829 कैंडिडेट का। 182 कैंडिडेट की एक गोपनीय रिजर्व लिस्ट बना ली गई जो RTI के दायरे से बाहर है। OBC, SC, ST के पद जनरल में ट्रांसफर होंगे।”
प्रो. मंडल ने एक दूसरे ट्विट में सवाल किया,
“क्या ये मान लिया जाए कि जिस यूपीएससी बोर्ड में एक भी एससी, एसटी, ओबीसी मेंबर नहीं है, वह कैंडिडेट की रिजर्व लिस्ट इसलिए गोपनीय रखता है ताकि एससी, एसटी, ओबीसी को फायदा हो? आपकी राय चाहिए।
बहुत बड़ा अन्याय है, बहुत बड़ी मुहिम चलानी होगी।”
क्या है मामला:
बीते मंगलवार को यूपीएससी UPSC ने सिविल सेवा परीक्षा 2019 का रिजल्ट जारी किया। इसमें 829 उम्मीदवारों की सूची जारी की गई। रिजल्ट आने के बाद सोशल मीडिया के जरिए आयोग पर आरोप लगाया गया कि केंद्र सरकार की ओर से 928 सिविल सेवा पदों के लिए विज्ञापन निकाला गया था, लेकिन 4 अगस्त को 829 उम्मीदवारों का ही रिजल्ट घोषित किया गया। 98 पदों को गोपनीय तरीके से क्यों भरा जा रहा है? सोशल मीडिया पर चलाए गए ट्रेंड में आरोप लगाया गया कि सिविल सेवा के लिए एससी, एसटी, ओबीसी के 98 उम्मीदवारों ने जनरल मेरिट में जगह बनाई और सरकार साजिशन इनको इनकी कैटेगरी में भेज रही है। आरोप लगाया गया कि इस घोटाले में सर्वाधिक 80 फीसदी नुकसान पिछड़ों का है।
आयोग की दलील:
इस आरोप के बाद आयोग ने 5 अगस्त को दलील दी कि जिन उम्मीदवारों के नतीजे नहीं घोषित किए गए हैं, उनके नाम गोपनीय रखे गए हैं, ताकि आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को लाभ हो।
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