पड़ोसी जनपद मिर्जापुर के रहने वाले हैं राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य कौशलेंद्र सिंह पटेल, उत्तर प्रदेश आयोग में 10 महीने से कामकाज ठप
यूपी80 न्यूज, लखनऊ
प्रतापगढ़ से सटे वाराणसी और मिर्जापुर जनपद हैं। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग NCBC के सदस्य कौशलेंद्र सिंह पटेल मूलत: मिर्जापुर के रहने वाले हैं और वाराणसी से महापौर रह चुके हैं। अब सवाल यह है कि प्रतापगढ़ के गोविंदपुर-परसठ Govindpur-Parsath गांव की घटना , संग्रामपुर की घटना पर राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की अब तक क्या भूमिका रही है? आयोग के सदस्य के नाते कौशलेंद्र सिंह पटेल Kaushalendra Singh Patel ने इस मामले का अब तक संज्ञान क्यों नहीं लिया? आयोग ने स्थानीय प्रशासन को किसी तरह का निर्देश अथवा जानकारी मांगी क्या? घटना के चार दिन बाद भी कौशलेंद्र सिंह अथवा उनके प्रतिनिधि मौके पर क्यों नहीं गए?
दो साल पहले जब राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग NCBC को संवैधानिक दर्जा दिलाया गया तो सत्ता पक्ष ने इसका खूब ढिढोरा पीटा। खुद को पिछड़ों का मसीहा साबित करने की कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी गई। दलील दी गई कि अब आयोग स्वतंत्र हो गया, उसकी विधायी शक्तियां हो गईं। तो ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि आयोग अब तक प्रतापगढ़ Pratapgarh के कई हिस्सों में पिछड़ों के साथ हुई ज्यादती पर मौन क्यों है?
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10 महीने से राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग का कामकाज ठप:
फागू चौहान Phagu Chauhan के बिहार Bihar का राज्यपाल बनने के बाद से पिछले 10 महीने से उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग का चेयरमैन पद रिक्त है। ऐसे में आयोग का कामकाज ठप होना लाजमी है। योगी सरकार के समाज कल्याण मंत्री अनिल राजभर Anil Rajbhar लॉकडाउन से पहले कई बार घोषणा कर चुके हैं कि जल्द ही आयोग को नया चेयरमैन मिलेगा, लेकिन अभी भी आयोग नए चेयरमैन की राह देख रहा है। ऐसे में आप स्वत: समझ सकते हैं कि योगी सरकार पिछड़ों के उत्थान के लिए कितनी गंभीर है।

कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता डॉ.अनूप पटेल कहते हैं कि यह बहुत ही दु:ख की बात है कि राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य कौशलेंद्र सिंह पटेल का पैतृक घर प्रतापगढ़ से चंद किलीमीटर की दूरी पर स्थित है। बावजूद इसके उन्होंने इस गंभीर घटना का संज्ञान नहीं लिया।

पूर्वांचल के सामाजिक व्यक्ति डॉ.हरेराम पटेल भी दु:ख व्यक्त करते हुए कहते हैं कि उत्तर प्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की वर्तमान स्थिति को देखते हुए उससे कोई अपेक्षा नहीं की जा सकती है। इस मामले में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को तत्काल संज्ञान लेना चाहिए। लेकिन ऐसा लगता है कि राष्ट्रीय आयोग भी सफेद हाथी साबित हो रहा है।
राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के युवा मंच के राष्ट्रीय सचिव एवं सामाजिक चिंतक अजय कुमार कुशवाहा कहते हैं कि संघ और भाजपा में सबको यही शिक्षा दी जाती है कि हर हाल में सवर्ण वर्चस्व को बढ़ावा देना है और दलितों-पिछड़ों के साथ हो रहे अत्याचारों पर आंख बंद कर लेनी है। पिछड़े वर्ग से आने वाले उपमुख्यमंत्री, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य इसी शिक्षा के कारण अपना मुंह बंद किए हुए हैं।
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