अंतर्राष्ट्रीय किसान दिवस पर अपनी मांगों के लिए लाखों किसानों ने अपने-अपने कृषि यंत्रों के साथ फोटो खींच कर सोशल मीडिया पर शेयर की
नई दिल्ली / लखनऊ, 17 अप्रैल
अंतर्राष्ट्रीय किसान संघर्ष दिवस के मौके पर देश के लाखों किसानों ने भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के नेतृत्व में किसानों के लिए 1.5 लाख करोड़ आर्थिक पैकेज की मांग को लेकर अपने-अपने घरों के गेट पर खड़े होकर कृषि यंत्रों के साथ अपनी तस्वीरें खिंचवाई और उन्हें सोशल मीडिया पर शेयर किया। कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के दौरान किसानों को संकट से उबारने के लिए भारतीय किसान यूनियन ने गांधीगीरी की यह राह अपनायी।
यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश टिकैत ने कहा है कि क्वारांटाइन और वर्षों से छोटे किसान आधारित कृषि की उपेक्षा वैश्विक भुखमरी जैसा एक गंभीर परिणाम ला सकती है।
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भारतीय किसान यूनियन ने किसानों को आर्थिक संकट से उबारने के लिए सरकार से निम्न मांग की है:
1.किसानों को 1.5 लाख करोड़ का आर्थिक पैकेज दिया जाए
2.ग्रामीण स्तर पर कृषि उत्पादों का न्यूनतम सहायता मूल्य पर खरीद हो
3.हमारे किसानों को प्रोत्साहित करे और कृषि उत्पादों के आयात पर निर्भरता को समाप्त कर कृषि आयात पर रोक लगाई जाए।
4.दुग्ध, सब्जियों एवं फल-फूल उत्पादक किसानों की सहायता की जानी चाहिए। दुग्ध एवं फल-फुल की खरीद गांव-गांव से होना चाहिए। साथ ही इन खराब होने वाली वस्तुओं का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित होना चाहिए।
5.पिछले दिनों भारी ओलावृष्टि और बारिश के चलते किसानों को हुए भारी नुकसान की भरपाई सरकार उनके एक साल तक बिजली, पानी और बैंक लोन पर ब्याज को माफ किया जाए।
6.विदेशी ऋृणों का भुगतान नहीं करके स्वास्थ्य, शिक्षा, श्रम और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए सार्वजनिक नीतियों में पुनर्निवेश को प्राथमिकता दे।
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