यूपी80 न्यूज, पटना
आखिरकार बिहार Bihar की नीतीश सरकार Nitish Kumar ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की जयंती के अवसर पर जाति आधारित जनगणना Caste Census की रिपोर्ट जारी कर दी। रिपोर्ट के अनुसार राज्य में सर्वाधिक 63 फीसदी आबादी पिछड़ों OBC की है। इनमें 27 फीसदी आबादी पिछड़ा वर्ग और 36 फीसदी आबादी अति पिछड़ी जातियों की है।
आंकड़ों के अनुसार राज्य में कुल 13 करोड़ से ज्यादा की आबादी है। जिसमें अनुसूचित जाति की आबादी 19.65 फीसदी और अनुसूचित जनजाति की आबादी 1.68 फीसदी है। इसके अलावा सामान्य वर्ग की आबादी 15.52 फीसदी है।
प्रदेश में सर्वाधिक 14.26 फीसदी यादव:
बिहार में सर्वाधिक 14 फीसदी यादव हैं। इनके अलावा दुसाध (पासवान) की संख्या 5.31 फीसदी और चर्मकार (चमार, मोची, रविदास, रोहिदास) की संख्या 5.25 फीसदी है। प्रदेश में चौथी सबसे अधिक संख्या वाली जाति कुशवाहा (कोईरी) है, जिनकी आबादी 4.21 फीसदी है।
आज गांधी जयंती के शुभ अवसर पर बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना के आंकड़े प्रकाशित कर दिए गए हैं। जाति आधारित गणना के कार्य में लगी हुई पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई !
जाति आधारित गणना के लिए सर्वसम्मति से विधानमंडल में प्रस्ताव पारित किया गया था।…
— Nitish Kumar (@NitishKumar) October 2, 2023
छठे पायदान पर ब्राह्मण व आठवें पायदान पर राजपूत:
प्रदेश में प्रदेश में सबसे ज्यादा आबादी के मामले में ब्राह्मण छठे पायदान पर हैं। इनकी आबादी 3.65 फीसदी है। इसी तरह प्रदेश में सबसे ज्यादा आबादी के मामले में राजपूत आठवें नंबर पर हैं। इनकी संख्या 3.45 फीसदी है। नौवें नंबर पर मुसहर 3.08 फीसदी और 10वें नंबर पर कुर्मी 2.87 फीसदी है।
2.86 फीसदी कुर्मी:
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसी जाति से आते हैं। प्रदेश में भूमिहार समाज की संख्या 2.86 फीसदी है।
सर्वाधिक 82 फीसदी हिंदू:
प्रदेश में सर्वाधिक 82 फीसदी हिंदू हैं। इसके बाद 17.7 फीसदी मुस्लिम हैं।
जाति आधारित गणना से सभी की आर्थिक स्थिति की जानकारी मिली है: नीतीश कुमार
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है,
“जाति आधारित गणना से न सिर्फ जातियों के बारे में पता चला है बल्कि सभी की आर्थिक स्थिति की जानकारी भी मिली है। इसी के आधार पर सभी वर्गों के विकास एवं उत्थान के लिए अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी।“