किसानों की नब्ज को पहचानते थे सरदार पटेल
नई दिल्ली, 30 अक्टूबर
सरदार पटेल किसानों की नब्ज को पहचानते थे। उन्होंने एक बार कहा भी था- “मैंने कला या विज्ञान के विशाल गगन में कभी उड़ान नहीं भरी, मेरा विकास कच्ची झोपड़ियों में गरीब किसान के खेती की भूमि और शहरों के गंदे में मकानों में हुआ है।”
आजादी के बाद सरदार पटेल ने देश के नौकरशाहों को आदेश दिया था कि वे जब गांवों में जाएं तो मोटरगाड़ी गांव के बाहर खड़ी करें, नहीं तो उसकी आवाज से गांव के बैल बिगड़ जाएंगे। पटेल का चिंतन गांवों की मिट्टी से रचा-पगा था तथा वे गांधी जी के अनुरूप ऐसे ही भारत के भविष्य का विचार करते थे।
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