प्रवक्ता डॉ.अजय आलोक सहित आरसीपी सिंह के चार करीबियों को पार्टी से निलंबित कर दिया गया
यूपी80 न्यूज, पटना
जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू JDU) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्र की मोदी सरकार में इस्पात मंत्री आरसीपी सिंह RCP Singh को नैतिक के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए। यह सुझाव जेडीयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष व पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा Upendra Kushwaha ने दिया है। बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार Nitish Kumar ने इस बार आरसीपी सिंह को राज्यसभा नहीं भेजा है और उनका राज्यसभा संसद का कार्यकाल 7 जुलाई को समाप्त हो रहा है। इसके बाद उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा अवश्य देना पड़ेगा। हालांकि यदि पीएम मोदी चाहें तो वह अधिकतम अगले 6 महीने तक केंद्र में मंत्री रह सकते हैं। उधर, मंगलवार को आरसीपी सिंह के चार करीबियों को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया गया।
उपेंद्र कुशवाहा ने यह भी कहा है कि आरसीपी सिंह की आगे पार्टी में क्या भूमिका रहेगी, फिलहाल यह तय नहीं है। उपेंद्र कुशवाहा के इस बयान के बाद बिहार की राजनीति में भूचाल आ गया है। उन्होंने यह भी इशारा करते हुए कहा कि संविधान के हिसाब से जब तक कोई संसद सदस्य है, मंत्री रह सकता है। लेकिन मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए नैतिकता के आधार पर उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।
बता दें कि 7 जुलाई को आरसीपी सिंह का राज्यसभा सांसद का कार्यकाल खत्म हो रहा है। पिछले दिनों आरसीपी सिंह की जगह पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने झारखंड के प्रदेश अध्यक्ष खीरू महतो को राज्यसभा भेजने का फैसला किया।
आरसीपी सिंह के चार करीबियों को बाहर का रास्ता:
उधर, प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने मंगलवार को आरसीपी सिंह के चार करीबियों को पार्टी के प्रवक्ता डा. अजय आलोक Dr Ajay Alok, प्रदेश महासचिव अनिल कुमार, प्रदेश महासचिव विपिन कुमार यादव तथा समाज सुधार सेनानी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष जितेंद्र नीरज को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया। प्रदेश अध्यक्ष द्वारा जारी पत्र के अनुसार चारों नेता पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त थे तथा उनकी हरकतों से कार्यकर्ताओं के बीच गलत संदेश जा रहा था।