सपा से नहीं हुआ गठबंधन , रालोद-सपा दोस्ती कायम
लखनऊ, 29 सितंबर
क्या सुहलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया ओम प्रकाश राजभर अपनी विश्वसनीयता खो चुके हैं? प्रदेश में समाजवादी पार्टी और सुहलदेव भारतीय समाज पार्टी के गठबंधन को लेकर काफी चर्चा थी। लेकिन ये गठबंधन सिरे चढ़ने से पहले ही धाराशायी हो गया। हालांकि समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) से दोस्ती कायम है। सपा ने अलीगढ़ की इगलास सीट रालोद के लिए छोड़ दी है।
बता दें कि उपचुनाव को लेकर ओम प्रकाश राजभर पिछले एक पखवाड़े के अंदर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से दो बार मिल चुके हैं। मीडिया के गलियारों में सपा और सुभासपा के गठबंधन को लेकर चर्चा थी। अखिलेश यादव ने पिछले सप्ताह कहा भी था कि बड़े दलों संग गठबंधन का टेस्ट ठीक नहीं रहा, अब छोटे दलों से गठबंधन होगा। लेकिन यह गठबंधन फिलहाल सिरे नहीं चढ़ सका।
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पूर्वांचल से ताल्लुक रखने वाले वरिष्ठ पत्रकार अनूप हेमकर कहते हैं कि ओमप्रकाश राजभर अपनी साख व विश्वसनीयता खो चुके हैं। ओम प्रकाश राजभर घोसी, जलालपुर सहित तीन सीट मांग रहे थे व सपा उनको केवल घोसी देने के लिए तैयार रही। इसे लेकर भी दोनों दलों के बीच बात नहीं बनी। दूसरी बात, लोकसभा चुनाव में राजभर मतों पर वह अपना आधार दिखाने में नाकाम रहे। सपा के नेताओं की स्पष्ट राय ओमप्रकाश के साथ गठबंधन न करने को लेकर रही। अखिलेश यादव को लगा कि कांग्रेस व बसपा से गठबंधन कर उनको जो सीख मिली है, उसके बाद सुभासपा से गठबंधन उनके लिए लाभप्रद नहीं होगा।
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रालोद से सपा की दोस्ती कायम:
उधर, सपा और रालोद की एक साल पुरानी दोस्ती कायम है। दोनों दल मिलकर अब तक दो चुनाव लड़ चुके हैं। वर्ष 2018 में कैराना उपचुनाव में दोनों दल मिलकर चुनाव लड़े थे। इसके बाद लोकसभा चुनाव 2019 में भी दोनों दल मिलकर लड़े थे और अब उत्तर प्रदेश उपचुनाव भी एक साथ लड़ रहे हैं। इससे दोनों दलों की दोस्ती मजबूत हुई है।
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