ओबीसी व एससी वर्ग के अभ्यर्थियों का आरोप-राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग NCBC के आदेश को किया जा रहा नजरअंदाज
यूपी80 न्यूज, लखनऊ
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार 69000 सहायक शिक्षक भर्ती Teacher recruitment मामले में एमआरसी MRC (मेरीटोरियस रिजर्व कैंडिडेट) के आदेश को गलत तरीके से लागू कर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के आरक्षण और ओवरलैपिंग के साथ खिलवाड़ कर रही है। सरकार के इस रवैये से ओबीसी OBC और एससी SC वर्ग के अभ्यर्थियों को बड़े पैमाने पर नुकसान उठाना पड़ेगा। अन्य पिछड़ा वर्ग OBC एवं अनुसूचित जाति SC वर्ग के अभ्यर्थियों ने यह आरोप लगाते हुए शनिवार को लखनऊ में विरोध-प्रदर्शन किया था।
पढ़ते रहिए www.up80.online कृषि बिल के खिलाफ सफल रहा किसानों का ‘भारत बंद’ आंदोलन
ओबीसी अभ्यर्थियों का आरोप है कि 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में आरक्षण एमआरसी और ओवरलैपिंग के मामले राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग में भी चैलेंज किया गया। आयोग ने इस भर्ती प्रक्रिया पर स्थगन आदेश लगा रखा है, बावजूद इसके 31661 अभ्यर्थियों के चयन की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा रही है। जो कि आयोग के स्थगन आदेश का पूर्णतया उल्लंघन और मामले का निस्तारण किए बिना भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाना आरक्षित वर्ग के साथ अन्याय है। ओबीसी अभ्यर्थियों का यह भी कहना है कि इस मामले में बेसिक शिक्षा विभाग किसी भी डाटा को आज तक आयोग को उपलब्ध नहीं करा सके, जिससे कि आयोग संतुष्ट हो सके।
ओबीसी-एससी अभ्यर्थियों ने किया प्रदर्शन:
ओबीसी व एससी वर्ग के अभ्यर्थियों ने ‘आरक्षण बचाओ मंच’ के बैनर तले इस मामले में शनिवार को अपनी मांगों को लेकर लखनऊ स्थित एससीईआरटी पर प्रदर्शन किया और अभ्यर्थियों ने मांग की कि 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण और ओवरलैपिंग की प्रक्रिया को नियमत: पालन करते हुए अभ्यर्थियों की सूची जारी करें। इसके बाद एमआरसी लगाकर उन्हें जनपद आवंटन में अपने निकटतम जनपद की वरीयता दी जाए। अवनीश कुमार यादव, आलोक सिंह, आशुतोष वर्मा, भारती पटेल, विजय यादव, सुशील कुमार कश्यप, मनोज प्रजापति, पुष्पेंद्र यादव, आरके बघेल, अखिल कुमार, तूफान सिंह, शिव वीर सिंह यादव, प्रतिभा इत्यादि अभ्यर्थियों की मांग है कि अधिकारी वर्ग मुख्यमंत्री को अभ्यर्थियों के प्रतिनिधिमंडल से माननीय मुख्यमंत्री के साथ मुलाकात करायी जाए। ताकि मुख्यमंत्री को वास्तविक वस्तु स्थिति बताई जा सके।
पढ़ते रहिए www.up80.online न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानून बनाया जाए: भाकियू