2500 रुपए तक कम हो सकता है वेतन, विपक्ष ने जतायी नाराजगी
यूपी80 न्यूज, लखनऊ
कोरोना संकट से जूझ रही यूपी की योगी सरकार ने राजस्व वृद्धि के लिए सरकारी कर्मचारियों के 6 तरह के भत्ते को समाप्त कर दिया है। सरकार के इस निर्णय से प्रदेश के 16 लाख कर्मचारियों की जेब पर असर पड़ेगा। हालांकि योगी सरकार के इस फैसले से खजाने में 1500 करोड़ रुपए की बचत होगी। सरकार के इस निर्णय पर विपक्ष सहित कर्मचारी संगठनों ने कड़ी नाराजगी जतायी है।
बता दें कि पिछले महीने राज्य सरकार ने राज्य कर्मचारियों के महंगाई भत्ते को डेढ़ साल तक बढ़ाने पर रोक लगा दिया था। इसी के साथ सरकार ने इन 6 भत्तों को 1 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2021 तक स्थगित करने का फैसला किया था।
इन भत्तों को समाप्त किया जा रहा है:
एक लाख या इससे अधिक आबादी वाले नगरों में तैनात सभी राज्य कर्मचारियों एवं शिक्षकों को दिया जाता है। फिलहाल राज्य कर्मचारियों को नगरों की श्रेणियों के अनुसार 250 से 900 रुपए प्रतिमाह तक नगर प्रतिकर भत्ता दिया जा रहा था।
सचिवालय में तैनात विशेष सचिव से लेकर निचले स्तर तक के कर्मियों, राजस्व परिषद एवं हाईकोर्ट के लगभग 12 हजार कर्मियों को यह भत्ता मिलता था। इसके तहत अधिकतम 2500 रुपए दिया जाता था।
सभी विभागों में तैनात अवर अभियंताओं को विशेष भत्ता:
विभिन्न विभागों में कार्यरत लगभग 30 हजार अवर अभियंताओं को 400 रुपए विशेष भत्ता दिया जाता था।
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पीडब्ल्यूडी इंजीनियर को विशेष भत्ता:
पीडब्ल्यूडी अधिकारियों व कर्मचारियों को रिसर्च भत्ता, अर्दली भत्ता और डिजाइन भत्ता दिया जाता था।
सिंचाई विभाग के अधिकारियों को आई एंड पी भत्ता:
भविष्य निधि लेखों के रख-रखाव करने वाले कर्मचारियों को प्रोत्साहन भत्ता
विपक्षा ने जतायी नाराजगी:
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने इस फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए योगी सरकार से पुनर्विचार करने को कहा है। उन्होंने कहा कि इस फैसले से प्रदेश के 16 लाख कर्मचारी प्रभावित होंगे। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डॉ.अनूप पटेल ने योगी सरकार के इस फैसले को जनविरोधी करार दिया है।
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