हर साल गर्मियों में आग से कई बीगहा फसल हो जाती है नष्ट, सफेद हाथ साबित हो रहा है फायर स्टेशन Fire Station
ध्यान चंद यादव, आजमगढ़
आजमगढ़ Azamgarh जनपद के महाराजगंज क्षेत्र के नौबरार देवारा Diyara के जदीद किता प्रथम गांव में रविवार को आग लगाने की वजह से लगभग 70 कच्चे मकान जलकर राख हो गए। इस घटना में दो मासूम बच्चों की भी जलकर मृत्यु हो गई। इसके अलावा अनेक पशुओं की जलकर मौत हो गई। इस घटना से जनपद में शोक की लहर है।
घाघरा नदी Ghaghara River के किनारे देवारा क्षेत्र में एक छोटी सी बस्ती से निकली आग ने आसपास के करीब 1 किलोमीटर के क्षेत्र के मकानों को अपनी चपेट में ले ली। तेज गर्म हवा और घरों में रखे सिलेंडर एवं अन्य ज्वलनशील पदार्थों के चलते आग ने कुछ ही देर में विकराल रूप धारण कर लिया और देखते-देखते दर्जनों मकान और मंडई धू-धू कर जलने लगे। आग बेकाबू होते देख स्थानीय ग्रामीणवासी घर छोड़कर भागने लगे। पूरे क्षेत्र में घंटों हाहाकार की स्थिति रही। जब तक राहत कार्य शुरू हो पाता तब तक बहुत देर हो चुकी थी। लोगों के घरों में रखे सभी सामान जलकर राख हो गए। पालतू पशुओं की मौत हो गई। इस दौरान आपाधापी में भागे लोगों की खोजबीन जब शुरू हुई तो राकेश राम के दो बच्चे गायब मिले। बाद में मासूम भाई बहन 5 वर्षीय मुस्कान और 3 वर्षीय अवनीश के शव पूरी तरह से जली हालत में उनके घर से मिले। बताया जा रहा है कि बच्चे जान बचाने के लिए कमरे में ही छुप गए थे। राहत कार्य देरी से शुरू होने को लेकर लोगों में भारी आक्रोश था।
सूचना के बाद ही एसडीएम सगड़ी, सीओ सगड़ी, तहसीलदार सगड़ी, महाराजगंज कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंच गई थी, लेकिन फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को पहुंचने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा।
सफेद हाथी साबित हो रहा है फायर स्टेशन:
लोगों की शिकायत है कि हर साल गर्मी के मौसम में कभी खेत में तो कभी मकानों में आग लगती रहती है और इसके लिए यहां महाराजगंज में फायर ब्रिगेड का स्टेशन बनाया गया था, लेकिन आज घटना के समय कोई गाड़ी नहीं होने के चलते जीयनपुर और अन्य क्षेत्रों से आए ब्रिगेड की गाड़ियों को बुलाना पड़ा, जिससे काफी देर से राहत कार्य शुरू हो सका। यह पूरा इलाका आजमगढ़ के उत्तरी क्षेत्र में महुला गढ़वाल बांध से भी उत्तर घाघरा के किनारे बसा हुआ है, जिसके कारण यहां पर तत्काल पहुंचना भी प्रशासन के लिए हमेशा चुनौती भरा रहा है।