पांच सालों में 33988 मजदूरों की मौत हो गई
नई दिल्ली, 22 नवंबर
रोजगार की तलाश में भारत के अधिकांश कम पढ़े लिखे युवा खाड़ी देशों (अरब देशों) में जाते हैं और दुनिया भर में रहने वाले कुल भारतीयों द्वारा भेजी जाने वाली धनराशि का आधा हिस्सा ये मजदूर भारत भेजते हैं। लेकिन इसके पीछे इन मजदूरों का खून-पसीना भी शामिल है। काम का समय ठीक न होने और दबाव की वजह से अरब देशों में रोजाना 18 मजदूरों की मौत हो रही है। मामला इतना गंभीर है कि शुक्रवार को इसे संसद में उठाया गया।
विदेश मंत्रालय के अनुसार वर्ष 2014 से अब तक अरब देशों में 33988 भारतीय मजदूरों की मौत हो चुकी है। शुक्रवार को एक सवाल के जवाब में विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सर्वाधिक मौतें सऊदी अरब और यूएई में हुई हैं।
सऊदी अरब में ज्यादा मौतें:
सऊदी अरब में मौतें : 1920
यूएई में मौतें : 1451
कुवैत में मौतें : 584
ओमान में मौतें : 402
कतर में मौतें : 286
बहरीन में मौतें : 180
2014 से अब तक हुई मौतें:
वर्ष 2014 : 5388
वर्ष 2015 : 5786
वर्ष 2016 : 6013
वर्ष 2017 : 5604
वर्ष 2018 : 6014
वर्ष 2019 : 4833 (अब तक)
खाड़ी देशों में सर्वाधिक तेलंगाना राज्य के रहने वाले 1200 भारतीय मजदूरों की मौत हुई है।
यह भी पढ़िए: अंतिम सांस तक रानी लक्ष्मीबाई बनकर लड़ती रहीं वीरांगना झलकारी बाई
मौत की ये हैं वजहें:
विदेश मंत्रालय को खाड़ी देशों में रहने वाले अप्रवासी भारतीयों को 15051 शिकायतें मिली हैं। इनमें से अधिकतर शिकायतें एजेंट द्वारा धोखाधड़ी की हैं।
मौत की वजहें :
विदेश जाने के लिए कर्ज लेना
अवैध तरीके से जाना
गलत एजेंटों के हाथों में पड़ जाना
सैलरी न मिलना
सेलरी न मिलने, सप्ताहिक छुट्टी की कमी, ओवरटाइम के पैसे न मिलना, काम के ज्यादा घंटे, भारत आने के लिए अनुमति न मिलने और मौत पर मुआवजा न मिलने की शिकायत करते हैं। इंश्योरेंस व मेडिकल की सुविधा की शिकायतें । अप्रैल 2018 में खाड़ी देशों में रहने वाली भारतीयों की संख्या 87.76 लाख थी।
यह भी पढ़िए: 1857 में वीरांगना ऊदा देवी पासी ने 36 अंग्रेज सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया था
कमाई :
वर्ष 2012-17 के दौरान दुनिया भर में काम करने वाले कुल भारतीयों द्वारा भारत में भेजी गई रकम का आधा हिस्सा खाड़ी देशों के मजदूरों ने भेजा।
भारत को मिली कुल रकम : 209.7 अरब डॉलर
यूएई : 72.30 अरब डॉलर
सऊदी अरब : 62.60 अरब डॉलर
कुवैत : 25.77 अरब डॉलर
ओमान : 22.57 अरब डॉलर
बहरीन : 7.19 अरब डॉलर