मुलायम सिंह यादव ने निष्कासन किया तो चौ.चरण सिंह ने फिर से पार्टी में शामिल कर लिया, चुनार को ‘मिनी बागपत’ कहा जाने लगा
यूपी80 न्यूज, चुनार
क्या आप जानते हैं कि कभी मुलायम सिंह यादव Mulayam Singh Yadav जैसे कद्दावर नेता का माइक किसी नेता ने मंच से छीन लिया था और उन्हें बोलने नहीं दिया था। क्या आप जानते हैं कि इस घटना से नाराज मुलायम सिंह यादव ने इस नेता को पार्टी से निष्कासित कर दिया था? बावजूद इसके पूर्व प्रधानमंत्री चौ.चरण सिंह ने इस नेता के निष्कासन का आदेश रद्द करते हुए पुन: लोकदल में शामिल कराया। हम बात कर रहे हैं कि ‘तू जमाना बदल’ के नायक एवं सामाजिक न्याय के योद्धा बाबू यदुनाथ सिंह पटेल Babu Yadunath Singh Patel की।
वो यदुनाथ सिंह ही थें, जिनकी वजह से चुनार को ‘मिनी बागपत Mini Baghpat’ की संज्ञा दी गई थी। यह श्रेय ऐसे ही नहीं मिला। जिस दौर में कांग्रेस ने पूरे पूर्वांचल में लोकदल का सफाया कर दिया था, उस समय बाबू यदुनाथ सिंह ही वह व्यक्ति थें, जिन्होंने चुनार में लोकदल का इकबाल बुलंद किया। पूरे पूर्वांचल में मात्र चुनार से ही लोकदल को एक सीट जीताकर पर जीत हासिल हुई थी। वो यदुनाथ सिंह ही थें, जिन्होंने पूर्वांचल में सामाजिक न्याय को सही मायने में जमीन पर उतारने के लिए अनेकों बार जेल गए। बीएचयू के छात्र आंदोलन से उपजे यदुनाथ सिंह केमिकल इंजीनियर के स्टूडेंट थें। एक अच्छा भविष्य छोड़कर यदुनाथ सिंह राजनीति में आए। चुनार से एकमात्र लोकदल को जीत हासिल हुई और इसका श्रेय यदुनाथ सिंह को जाता है। यदुनाथ सिंह का बगावती तेवर मुलायम सिंह यादव को रास नहीं आता था।
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मंच पर नहीं बुलाया गया:
यदुनाथ सिंह के साथ काम कर चुके वरिष्ठ पत्रकार एवं ‘तू जमाना बदल’ के लेखक राजेश पटेल के अनुसार 80 के दशक में मिर्जापुर के शिवशंकरी धाम में लोकदल के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव का कार्यक्रम लगा। उस कार्यक्रम में यदुनाथ सिंह भी अपने समर्थकों संग पहुंचें। लेकिन यदुनाथ सिंह को मंच पर आमंत्रित नहीं किया गया, परिणामस्वरूप यदुनाथ सिंह को जमीन पर बैठना पड़ा। जब मुलायम सिंह मंच पर बोलने के लिए खड़ा हुए तो उन्होंने यदुनाथ सिंह को थोड़ा और आगे आने को कहा, इससे यदुनाथ सिंह को और अधिक गुस्सा आया और उन्होंने मंच पर आकर मुलायम सिंह का माइक पकड़ लिया और उन्हें चले जाने को कहा। जाते-जाते मुलायम सिंह ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए यदुनाथ सिंह सहित पांच नेताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया।
निष्कासित होने वाले नेता:
विधायक यदुनाथ सिंह
पूर्व जिलाध्यक्ष हरिहर सिंह
राबर्ट्सगंज के नगर अध्यक्ष रामप्यारे सिंह एडवोकेट
रेणुकोट के मजदूर नेता संगीतदेव यादव
युवा लोकदल के जिलाध्यक्ष रविंद्र बहादुर सिंह
चूंकि यदुनाथ सिंह सदैव क्रांतिकारी एवं अपने वसूलों पर अडिग रहने वाले नेता के तौर पर जाने जाते थें, इसलिए किसानों के मसीहा चौ.चरण सिंह के अत्यधिक प्रिय भी थें। इसलिए इन पांचों नेताओं को पुन: पार्टी में शामिल कर लिया गया।
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चौ. अजीत सिंह के साथ गए:
जब जनता दल का बंटवारा हुआ तो मुलायम सिंह यादव ने इन्हें पार्टी में आने का ऑफर दिया, लेकिन यदुनाथ सिंह ने मना कर दिया। उसी रात बेनी प्रसाद वर्मा Beni Prasad Verma ने भी यदुनाथ सिंह को पार्टी में शामिल होने के लिए फोन किया। लेकिन यदुनाथ सिंह ने मना कर दिया और उन्होंने कहा कि मैं चौधरी साहब (चौधरी अजीत सिंह) के साथ रहूंगा। कहने वाले तो यहां तक कहते हैं कि जब मुलायम सिंह यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने तो उस समय भी उन्होंने यदुनाथ सिंह को ऊर्जा मंत्री बनाने की पेशकश की थी। लेकिन जीवन भर अपने वसूलों पर अडिग रहने वाले यदुनाथ सिंह ने मुलायम सिंह यादव के साथ जाने से मना कर दिया। इनके निधन पर चौ.चरण सिंह के पोते एवं पूर्व सांसद जयंत चौधरी Jayant Chaudhary ने कुछ इसी तरह यदुनाथ सिंह के प्रति शोक संवेदना प्रकट की।
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