बिहार में जातीय जनगणना Caste Census की मांग को लेकर मोदी सरकार पर दबाव बनाने लगीं जदयू JDU-राजद RJD
यूपी80 न्यूज, पटना
जातीय जनगणना की मांग को लेकर बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार CM Nitish Kumar की पार्टी जेडीयू JDU के सांसदों ने हस्ताक्षर अभियान चलाया है तो प्रमुख विपक्षी पार्टी आरजेडी RJD ने 7 अगस्त को मंडल दिवस के अवसर पर बिहार Bihar के सभी जिला मुख्यालयों में धरना-प्रदर्शन की घोषणा की है। बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले सप्ताह 24 जुलाई को जातीय जनगणना की मांग करते हुए केंद्र सरकार को इस मामले में पुनर्विचार करने का सुझाव दिया था।
आरजेडी के प्रमुख नेता एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव Tejashwi Yadav ने कहा है कि 7 अगस्त को मंडल दिवस के अवसर पर बिहार के सभी जिला मुख्यालयों में राष्ट्रीय जनता दल की ओर से जातीय जनगणाना कराने, आरक्षित कोटे से बैकलॉग के लाखों रिक्त पद भरने एवं मंडल आयोग की शेष सभी अनुशंसाएं लागू करने की मांगों को लेकर विशाल धरना-प्रदर्शन करेगी।
जेडीयू के सांसदों ने चलाया हस्ताक्षर अभियान:
जेडीयू के जहानाबाद से सांसद चंदेश्वर प्रसाद JDU MP Chandeshwar Prasad के नेतृत्व में जेडीयू सांसदों ने जातीय जनगणना की मांग को लेकर हस्ताक्षर अभियान चलाया है एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजकर जातीय जनगणना की मांग की है।
इन सांसदों ने किया हस्ताक्षर:
दिलेश्वर कामत, सांसद सुपौल
डॉ.आलोक कुमार सुमन, गोपालगंज
संतोष कुशवाहा, पूर्णिया
सुनील कुमार बाल्मीकि नगर
विजय कुमार, गया
सुनील कुमार पिंटू, सीतामढ़ी
सांसद चंदेश्वर प्रसाद MP Chandeshwar Prasad ने पीएम मोदी को लिखे गए पत्र में उल्लेख किया है,
“जाति आधारित जनगणना से एससी, एसटी के अलावा भी अन्य कमजोर वर्ग हैं, उनकी वास्तविक संख्या की जानकारी होगी और सभी के विकास के कार्यक्रम बनाने में सहायता मिलेगी।
सभी ओबीसी एवं अति पिछड़ा समाज के सांसदों का मानना है कि जाति आधारित जनगणना होनी चाहिए। बिहार विधान मंडल में 18 फरवरी 2019 और पुन: 27 फरवरी 2020 को सर्वसम्मति से इस आशय का प्रस्ताव पारित किया था तथा इसे केंद्र सरकार को भेजा गया था। अब समय आ गया है कि केंद्र सरकार को इस मुद्दे पर पुनर्विचार करना चाहिए।“
पढ़ते रहिए www.up80.online पेड़ व जानवर की गिनती हो सकती है तो फिर जातिगत जनगणना क्यों नहीं?