मक्का किसानों को केंद्र व बिहार सरकार करे भुगतान: योगेंद्र यादव
यूपी80 न्यूज, नई दिल्ली
देश में कुल मक्का उत्पादन का 40 फीसदी देने वाले बिहार के किसान इन दिनों संकट में हैं। लॉकडाउन की वजह से आज उन्हें 1000 रुपए प्रति क्विंटल खरीदार भी नहीं मिल रहे हैं। अत: केंद्र सरकार और राज्य सरकार खुद किसानों को भुगतान करे। स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव Yagendra Yadav ने यह ज्वलंत मुद्दा उठाते हुए मांग की है।
जानकारों का कहना है कि कोरोना लॉकडाउन की वजह से मकई की बाजार में मांग एकाएक गिर गई है। पिछले साल जहां किसानों ने 2000 रुपए प्रति क्विंटल मकई की बिक्री की, इस साल उन्हें 1000 रुपए प्रति क्विंटल भी खरीदार नहीं मिल रहे हैं।
स्वराज इंडिया Swaraj India ने मांग की है कि मक्का किसानों को भुगतान का एक हिस्सा केंद्र सरकार पीएसएस योजना के तहत करे और शेष कीमत बिहार सरकार दे।
बता दें कि बिहार के 11 जिले समस्तीपुर, खगड़िया, कटिहार, अररिया, किशनगंज, पूर्णिया, सुपौल, सहरसा, मधेपुरा, भागलपुर और नवगछिया में देश के कुल मक्का उत्पादन का 40 फीसदी पैदावर होता है। स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनुपम का कहना है कि अगर सरकार एमएसपी पर खरीद नहीं करती है तो बिहार के मकई किसानों को लगभग 1300 करोड़ रुपए तक का नुकसान होने की संभावना है।
पॉल्ट्री व्यवसाय ठप होने से संकट बढ़ा:
भले ही सरकार ने मकई के लिए 1760 रुपए का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया है, लेकिन क्रय केंद्र खुले नहीं है और लॉकडाउन के कारण बाहर के व्यापारी भी नहीं आ रहे। पॉल्ट्री व्यवसाय पूरी तरह से ठप होने की वजह से इससे जुड़े किसान तबाह हैं। क्योंकि पॉल्ट्री फीड में इस्तेमाल होने वाले अनाज, मसलन मक्का की मांग ठप हो गई है।
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“मक्का का मक्का” के किसानों के चेहरे मुरझायें:
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अनुसार देश में इस साल 280 लाख टन मक्के का उत्पादन होने की उम्मीद है। बिहार मक्के का प्रमुख उत्पादक राज्य है और कोसी क्षेत्र को ‘मक्का का मक्का’ कहा जाता है। लेकिन इस साल यहां के किसान आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं।
स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनुपम Anupam ने मांग की है कि मकई किसानों की बदहाली का बिहार सरकार जल्द संज्ञान ले और फसल की खरीद करवाये। केंद्र सरकार द्वारा घोषित प्रधानमंत्री आय संरक्षण योजना (पीएम-आशा) के तहत भुगतान का एक हिस्सा केंद्र और बाकी बिहार सरकार दे। सरकार यह सुनिश्चित करे कि बिहार के किसानों को इस अप्रत्याशित परिस्थिति का खामियाजा न भुगतना पड़े।
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