कहीं मड़ाई का इंतजार तो कहीं अभी भी खेतों में खड़ी है गेंहू की फसल
बलिराम सिंह, 26 अप्रैल
कोरोना जैसी वैश्विक महामारी की रोकथाम के लिए उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में लॉकडाउन लागू हैं, जिसकी वजह से पूरी अर्थव्यवस्था ठप पड़ गई है। इसी दौरान बार-बार ओलावृष्टि, बारिश व आंधी से किसानों को दोहरी मार पड़ी है। उत्तर प्रदेश के बिजनौर में 15 दिन पहले हुए ओलावृष्टि की वजह से संजीव चंडोक नामक किसान की सरसो की पूरी फसल बर्बाद हो गई, गेंहू की फसल को भी नुकसान हुआ। आज फिर हुई ओलावृष्टि की वजह से संजीव को भारी झटका लगा है। उनकी गेंहू की फसल को काफी नुकसान हुआ है। संजीव कहते हैं कि हालात ऐसे हैं कि पिछले साल एक बिगहा खेत में लगभग 4 क्विंटल तक गेंहू निकल जाता था, लेकिन इस बार मुश्किल से 2 क्विंटल निकलेगा।
10 बिगहा में गेंहू की खेती करने वाले संजीव अब तक केवल 3 बिगहा गेंहू की कटाई कर पाए हैं। जो फसल काट कर खेत में पड़ी है, उसके दाने काले और हल्के हो जाएंगे और जो फसल खड़ी है, उसे भी काफी नुकसान हुआ है। भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के युवा प्रदेश अध्यक्ष दिगंबर सिंह कहते हैं कि इस बार तो किसान को ओलावृष्टि जैसी समस्या से बार-बार जूझना पड़ रहा है। आज स्थिति ऐसी हो गई है कि इस बार किसान को मुश्किल से 50 फीसदी अनाज ही हासिल हो पाएगा।
बारिश की वजह से पूर्वी उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में किसानों को काफी नुकसान हुआ है। आजमगढ़ के दियारा क्षेत्र में रहने वाले किसान नागेंद्र सिंह पटेल कहते हैं कि अभी भी 50 फीसदी से ज्यादा फसल खेतों में पड़ी है। बारिश की वजह से गेंहू की मड़ाई में अब देर होगी, ऐसे में अनाज काला और हल्का होगा, जिसकी वजह से पैदावार में 25 फीसदी की कमी आएगी। इसी तरह उनके पड़ोस में केशव सिंह नामक किसान की पांच बिगहा गेंहू की फसल की कटाई तो हो गई, लेकिन अभी भी फसल खेतों में पड़ी है। आजमगढ़ में गेंहू की फसल की पूरी तरह से कटाई न होने की वजह से अभी सभी क्रय केंद्र चालू नहीं हुए हैं।
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फर्रुखाबाद जनपद के किसान रिंकू कटियार ने 40 बिगहा में मक्का की खेती की था, बारिश की वजह से पूरी फसल जमीन पर गिर गई है। पहले इतने खेत में 240 क्विंटल मक्का की पैदावार होती थी, लेकिन इस बार यह पैदावार आधी हो जाएगी।
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इसी तरह बाराबंकी जनपद में मेंथा की बुआई के लिए गेंहू की कटाई जल्दी हो गई, लेकिन लॉकडाउन की वजह से अभी भी गेंहू की बिक्री पूरी तरह से शुरू नहीं हुई। जनपद में सभी 50 क्रय केंद्र खुल चुके हैं, लेकिन अब तक केवल 3200 मीट्रिक टन गेंहू की खरीद हुई है। जबकि जनपद में 101500 मीट्रिक टन गेंहू की खरीद का लक्ष्य रखा गया है।
भारतीय किसान यूनियन टिकैत के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष रामकिशोर पटेल कहते हैं कि इस साल प्रदेश में बार-बार ओलावृष्टि एवं बारिश की वजह से किसानों को काफी नुकसान हुआ है। कहीं पर 30 परसेंट तो कहीं पर 50 परसेंट तक गेंहू की फसल क्षतिग्रस्त हुई है।
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भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक कहते हैं कि इन्हीं सभी परेशानियों से किसानों को उबारने के लिए हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष चौ.राकेश टिकैत ने किसानों के लिए 1.5 लाख करोड़ पैकेज की मांग की है। सरकार को हमारी मांगों पर गंभीरता से विचार करते हुए तत्काल राहत पैकेज जारी करना चाहिए।
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